प्रणव पर गरजी तोप
अण्णा
(विनोद गौतम)
नई दिल्ली (साई)।
राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर अनिश्चिकालीन अनशन पर बैठी टीम अन्ना ने
भ्रष्टाचार के मुद्दों पर एक बार फिर यूपीए सरकार के मंत्रियों, नेताओं और यहां तक
की नए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पर भी निशाना साधा। टीम अन्ना के सदस्य अरविंद
केजरीवाल ने यूपीए सरकार के मुखिया मनमोहन सिंह को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि 2003-06 तक प्रधानमंत्री
मनमोहन सिंह ने बतौर कोयला मंत्री बिना नीलामी के कोयला खदानों का बंटवारा किया।
उन्होंने इसी मुद्दे की जांच कराने की मांग करते हुए कहा, ‘उस वक्त कोयले का
बाजार भाव था 2000 रुपये
प्रति टन और उन्होंने 100 प्रति टन की दर से कोयला खदानों का बंटवारा किया तो इससे
किसको फायदा मिला इसकी जांच होनी चाहिए।
जन लोकपाल विधेयक
और केंद्रीय मंत्रिमंडल के कुछ सदस्यों के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के आरोपों की
स्वतंत्र निकाय से जांच कराने की मांग के समर्थन में बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी
में जंतर मंतर पर टीम अन्ना का अनिश्चितकालीन अनशन शुरू हुआ। अनशन स्थल पर मंच पर
गांधी जी की तस्वीर लगायी गई। इसके साथ ही टीम अन्ना ने जिन केन्द्रीय नेताओं के
खिलाफ स्वतंत्र जांच कराने की मांग की है उनकी तस्वीरें भी टांग दी गई हैं जिसमें
नए राष्ट्रपति और यूपीए के पूर्व मंत्री प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री
मनमोहन सिंह, गृह मंत्री
पी चिदंबरम समेत कई अन्य लोग शामिल हैं।
हालांकि, कुछ देर बाद प्रणब
के चित्र को कपड़े से ढक दिया गया। इस विषय पर टीम अन्ना के एक वरिष्ठ सहयोगी
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्रणब मुखर्जी अब राष्ट्रपति पद की शपथ ले चुके है जो
शीर्ष संवैधानिक पद है। हम संविधान का सम्मान करते हैं, इस नाते प्रणब के
चित्र को कपड़े से ढक रहे हैं ताकि इस पद की गरिमा कम न हो।
केजरीवाल ने
हालांकि कहा कि प्रणब के खिलाफ आरोप हालांकि बने हुए हैं और हम इसका उल्लेख करना
जारी रखेंगे। उन्होंने कुछ टेलीविजन चौनलों पर प्रसारित इस खबरों को गलत बताया कि
अब भ्रष्टाचार का उल्लेख करते समय प्रणब का नाम नहीं लिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि
टीम अन्ना प्रतिदिन तीन-चार मंत्रियों एवं केंद्रीय नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के
आरोपों का खुलासा करेगी। टीम अन्ना ने लालू प्रसाद, कांग्रेस नेता
वीरभद्र सिंह सहित कई नेताओं पर भी निशाना साधा।
उधर, केन्द्रीय मंत्री
सलमान खुर्शीद ने टीम अन्ना पर निशाना साधते हुए कहा कि वे उन मुद्दों को उठा रहे
हैं जिन्हें उच्चतम न्यायालय खारिज कर चुका है और अगर उन्हें उसपर भी विश्वास नहीं
है तो वे संयुक्त राष्ट्र से संपर्क कर सकते हैं। कानून मंत्री ने कहा, ‘उन्हें संयुक्त
राष्ट्र को पत्र लिखना चाहिए। भारत में उच्चतम न्यायालय से अधिक स्वतंत्र क्या हो
सकता है। वे ऐसे मामलों में निष्पक्ष जांच चाहते हैं जिन्हें उच्चतम न्यायालय
खारिज और नामंजूर कर चुका है।’ टीम अन्ना उन 15 केंद्रीय
मंत्रियों के खिलाफ स्वतंत्र जांच गठित करने की मांग कर रही हैं जिनके खिलाफ
उन्होंने कुछ आरोप लगाए हैं। सरकार मांग को पहले ही खारिज कर चुकी है।
टीम अन्ना ने मजबूत
लोकपाल के गठन और केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच के लिए विशेष दल
के गठन की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की। टीम अन्ना पार्टी प्रमुखों
और सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामलों की त्वरित जांच फास्ट ट्रैक अदालत से कराने की
भी मांग कर रही है।
टीम के इस आरोप को
खारिज करते हुए कि लोकपाल विधेयक को पारित कराने के लिए सरकार गंभीर नहीं है, सूचना एवं प्रसारण
मंत्री अंबिका सोनी ने कहा कि प्रस्तावित कानून की समीक्षा संसद की प्रवर समिति कर
रही है। उन्होंने कहा, ‘विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है। इसे राज्यसभा में लाया
गया है जो आवश्यक है। 185 से ज्यादा संशोधन हैं। इस पर काफी बहस हो चुकी है। इसे पारित
नहीं किया जा सका।
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