मारूति प्लांट में
आग: एक की मौत
(चंद्र कांत शर्मा)
गुड़गांव (साई)।
मूलतः हरियाणा किन्तु राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली का अभिन्न अंग गुडगांव में
मारूति के मुख्य संयंत्र में आग लगने से काफी नुकसान हो गया। अचानक भड़के श्रमिकों
ने मानेसर स्थित मारुति सुजूकी के मुख्य प्लांट में कल हड़ताल कर दी। पुलिस ने
एहतियातन पूरा परिसर खाली करवा लिया है।
पुलिस सूत्रों ने
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि एक कर्मचारी को निलंबित किए जाने से गुस्साए
कर्मचारियों ने मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के प्लांट में बुधवार शाम को आग लगा
दी। कर्मचारी को बहाल न करने पर गुस्साए हजारों कर्मचारियों ने कंपनी के मैनेजर, डेप्युटी मैनेजर और
कई अधिकारियों पर हमला बोल दिया। कंपनी के एचआर ऑफिस में आग से एक आदमी की मौत हो
गई। इसके अलावा 3 जापानी
एग्जेक्युटिव्स समेत करीब 90 लोग घायल हो गए। आग से प्लांट को भारी
नुकसान पहुंचा है।
इन्होंने प्रशासनिक
कार्यालय में हमला कर अधिकारियों की पिटाई की, तोडफ़ोड़ की और आग
लगा दी। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि एक सुपरवाइजर द्वारा एक कर्मचारी के खिलाफ ‘आपत्तिजनक टिप्पणी’ करने के बाद झगड़ा
शुरू हुआ।कई अधिकारियों को चोट लगी है। हालांकि वक्त रहते दमकल कर्मियों ने इस पर
काबू पा लिया।
बताया जाता है कि
हिंसा में मारुति के डिवीजनल मैनेजर वरुण देव की मौत हो गई है। सूत्रों का कहना है
कि एक श्रमिक जिया लाल और सुपरवाइजर के बीच झगड़े के बाद पहली शिफ्ट के लगभग 1500 श्रमिक नाराज हो
गए। श्रमिकों और प्रबंधकों के बीच वार्ता असफल हो गई, तभी दूसरी शिफ्ट के
मजदूर भी काम पर पहुंच गए।
उधर, सीनियर फायर ऑफिसर इशम
सिंह कश्यप ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि कंपनी के कंट्रोल रूम और एचआर
ऑफिस में आग लगी हुई थी। करीब 24 गाड़ियों और 100 से ज्यादा फायर
कर्मचारियों की मदद से एक घंटे बाद आग पर काबू पाया जा सका। आग बुझाते वक्त
फायरकर्मियों ने एक व्यक्ति का शव बरामद किया। उसकी पहचान नहीं हो पाई है।
मंगलवार देर शाम एक
कर्मचारी को सस्पेंड किए जाने के बाद से कर्मचारी गुस्से में चल रहे थे। उन्होंने
बुधवार को कंपनी ऑफिस में जमकर तोड़-फोड़ भी की। उन पर मैनेजमेंट के कई लोगों के साथ
मारपीट का भी आरोप है। एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। घटना के
चलते कंपनी में प्रॉडक्शन बंद हो गया। देर रात तक कंपनी के कैंपस में पुलिस
कमिश्नर और जॉइंट पुलिस कमिश्नर समेत भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात था।
बताया गया कि
सस्पेंड कर्मचारी पर एक सुपरवाइज़र के साथ मार-पीट का आरोप है। इस बारे में बुधवार
को कंपनी मैनेजमेंट की दो बार मीटिंग हुई। लेकिन उसे बहाल नहीं करने का फैसला लिया
गया। इस पर शाम करीब 6 बजे कंपनी के कर्मचारी हिंसा पर उतारू हो गए। कर्मचारी
महंगाई भत्ते और सस्पेंड कर्मचारी को बहाल करने की मांग कर रहे थे। मॉर्निंग और
इवनिंग शिफ्ट के कर्मचारी एचआर ऑफिस में अधिकारियों से भिड़ गए। मामला बढ़ने पर
कर्मचारियों ने एचआर ऑफिस में आग लगा दी। कई गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया।
मानेसर थाने के
अलावा खेड़कीदौला, बिलासपुर
आदि थानों की पुलिस मौके पर बुला ली गई। पुलिस कमिश्नर केके सिंधु और जॉइंट पुलिस
कमिश्नर अनिल राव समेत कई अधिकारी मौके पर पहुंचे। इस बीच सभी कर्मचारी भाग गए।
कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि सुपरवाइज़र के साथ मार-पीट पर कर्मचारी को सस्पेंड
किया गया था।
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