हिमाचल के
कर्मचारियों को तोहफे, मांगें मंजूर
(स्वाति नाडकर्णी)
शिमला (साई)।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य सरकार के कर्मचारियों की पिछले काफी समय से लम्बित
पड़ी मांगों को पूरा करते हुए आखिर आज उन्हें 4-9-14 का स्केल देने का
फैसला ले लिया। कर्मचारियों के प्रति उदार रुख अपनाते हुए सरकार ने कांट्रैक्ट
आधार पर काम कर रहे कर्मचारियों को आठ साल की जगह छह साल में नियमित करने और तीन
सालों के कार्यकाल के बाद उन्हें अपना तबादला कराने की अनुमति देने का फैसला भी
लिया है।
मुख्यमंत्री प्रो.
प्रेम कुमार धूमल की अध्यक्षता में यहां हुई संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक में कई
अन्य महत्वपूर्ण फैसले भी लिए गए। राज्य सरकार द्वारा आज लिए गए फैसलों से नियमित
कर्मचारियों के अलावा विभिन्न विभागों, बोर्डों और निगमों में कान्ट्रैक्ट, पार्ट टाइम और
दिहाड़ीदार काम कर रहे कर्मचारियों को भी फायदा होगा। सरकार ने जनजातीय क्षेत्रों में काम कर रहे कर्मचारियों
को 200 रुपए की
जगह अब 300 रुपए के
हिसाब से जनजातीय भत्ता मिलेगा।
इस फैसले से करीब 35 हजार कर्मचारी
सीधे तौर पर लाभांवित होंगे। काट्रैक्ट आधार पर कार्य कर रहे कर्मचारियों पर
मेहरबानी दिखाते हुए सरकार ने उन्हें एक साल में दस दिनों की मेडिकल लीव और बारह
दिनों की कैजुअल लीव देने का निर्णय भी लिया। इतना ही नहीं,काट्रैक्ट आधार पर
कार्यरत कर्मचारियों को अब तीन साल में स्थानांतरित करने का प्रावधान भी नियमों
में करने का फैसला लिया गया। पहले यह कार्य अवधि पांच साल थी।
राज्य लोक सेवा
आयोग की मार्फत भर्ती हुए कान्ट्रैक्ट कर्मचारियों को अब नियमित होने के लिए आठ
सालों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। उन्हें छह सालों में ही नियमित कर दिया जाएगा।
सभी कान्ट्रैक्ट कर्मचारियों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत लाए जाने
का निर्णय भी आज की बैठक में लिया गया। इससे 42000 कर्मचारी
लाभान्वित होंगे। 20 वर्ष का
कार्यकाल पूरा कर चुके चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को एक स्पेशल इंक्रीमेंट देने का
निर्णय भी आज की बैठक में लिया गया। इस फैसले से राज्य भर में काम कर रहे लगभग 80 हजार चतुर्थ
श्रेणी कर्मचारियों को सीधा लाभ होगा।
किसी कर्मचारी की
आकस्मिक मृत्यु हो जाने की स्थिति में करुणामूलक आधार पर मिलने वाली नौकरी के
मामले में एक जैसी नीति अपनाते हुए अब कान्ट्रैक्ट आधार पर कार्यरत कर्मचारियों को
भी इस नीति के तहत लाए जाने का फैसला लिया गया है। पार्ट टाइम वाटर कैरियर के तौर
पर कार्य कर रहे कर्मचारियों को अब 9 साल का सेवाकाल पूरा होने पर ही नियमित कर
दिया जाएगा। जबकि पहले यह अवधि दस साल थी। इतना ही नहीं, उन्हें अब वाटर
कैरियर के साथ-साथ सेवादार का पदनाम भी दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने इस
अवसर पर केन्द्र सरकार के कर्मचारियों की तर्ज पर राज्य के कर्मचारियों को आवास ऋण
सुविधा की घोषणा भी की। यह सुविधा संशोधित वेतनमान के अंतर्गत देय मूल वेतन के
आधार पर मिलेगी। इससे 7.5 लाख रुपये की ऊपरी सीमा को हटा लिया गया है। उन्होंने जिला
स्तर पर कर्मचारियों के लिए बने सरकारी आवासों की मरम्मत के लिए बजट प्रावधान को 10 करोड़ रुपये से
बढ़ाकर 13.85 करोड़
रुपये करने की घोषणा भी की।
प्रो. धूमल ने कहा
कि प्रदेश सरकार ने अपने वर्तमान कार्यकाल में प्रथम जनवरी, 2008 से 30 जून, 2012 तक अपने
कर्मचारियों को 6296.84 करोड़
रुपये के वित्तीय लाभ प्रदान किए हैं। इनमें पांचवें वेतन आयोग की संस्तुतियों का
कार्यान्वयन शामिल है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनरों के
समूचे वेतन बकाया का भुगतान कर दिया गया है जबकि पड़ोसी राज्य पंजाब ने अभी तक अपने
कर्मचारियों के केवल 40 प्रतिशत बकाया का भुगतान किया है। उन्होंने कहा कि आवास
भत्तों को दोगुना किया गया है और अनुबंधित कर्मचारियों को भी 45 करोड़ रुपये के
वित्तीय लाभ प्रदान किए गए हैं।
प्रो. धूमल ने कहा
कि निश्चित चिकित्सा भत्तों को 100 रुपये से बढ़ाकर 250 रुपये किया गया है
जबकि निश्चित यात्रा एवं दैनिक भत्तों में भी बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने कहा कि
दिहाड़ी 75 रुपये से
बढ़ाकर 130 रुपये, सामाजिक सुरक्षा
पेंशन 200 रुपये से
बढ़ाकर 400 रुपये
प्रतिमाह की गई है जबकि राजधानी भत्ता 175 रुपये से बढ़ाकर 275 रुपये प्रतिमाह
किया गया है। बेटी है अनमोल योजना के अंतर्गत दो बेटियों के जन्म के उपरान्त
स्थायी परिवार नियोजन अपनाने वाले कर्मचारियों को दो वेतन वृद्धियां दी जा रही
हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें