कोल को छोड़ अब
एफडीआई पर रार
(शरद खरे)
नई दिल्ली (साई)।
प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने डीजल के मूल्य में वृद्धि को सही दिशा में
महत्वपूर्ण कदम बताते हुए उचित ठहराया है। नई दिल्ली में कल १२वीं पंचवर्षीय योजना
बैठक में उन्होंने कहा कि ईंधन का क्षेत्र
जटिल है और देश में इसकी कीमत विश्व में कीमतों के अनुरूप नहीं है। इसलिए इसकी
कीमतों का तर्कसंगत होना महत्वपूर्ण है।
डॉ. सिंह ने खुदरा
क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति और अन्य उपायों से आर्थिक सुधारों
को आगे बढ़ाने का बचाव करते हुए कहा कि निवेश के अनुकूल माहौल बहाल किए जाने की
जरूरत है। वित्तीय घाटा बहुत ज्यादा होने को स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा
कि इसमें कमी लाई जानी चाहिए ताकि घरेलू संसाधनों का अर्थव्यवस्था में उत्पादक रूप
से इस्तेमाल किया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य महज सकल घरेलू उत्पाद
में वृद्धि करना नहीं है बल्कि समग्र और सतत विकास करना है।
उन्होंने यह भी कहा
कि तत्काल कार्रवाई के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण क्षेत्र यह है कि ढांचागत परियोजनाओं
को अमल में लाने की गति बढ़ाई जाए। कृषि क्षेत्र में विकास का जिक्र करते हुए
डॉक्टर सिंह ने कहा कि इसे बढ़ा कर लगभग चार प्रतिशत तक ले जाना होगा। यह दर ११वीं
योजना में ३ दशमलव ३ प्रतिशत रही थी। उन्होंने देश में रोज$गार के अवसर विकसित
करने के लिए विनिर्माण क्षेत्र के तेजी से विस्तार की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रधानमंत्री ने
कहा कि १२वीं योजना में विकास का लक्ष्य पहले अनुमानित ९ प्रतिशत की बजाय ८ दशमलव
२ प्रतिशत रखा गया है। उन्होंने कहा कि आठ दशमलव दो प्रतिशत की विकास दर हासिल
करने के लिए हमें अर्थव्यवस्था में निवेश को दोबारा सुधारना होगा, इसलिए निवेश का
माहौल बनाना बहुत महत्त्वपूर्ण है। डॉ० मनमोहन सिंह ने कहा कि विदेशी ऋण पर
निर्भरता कम करने के लिए चालू खाता घाटे को कम किया जाए।
उधर, देश के विभिन्न
राज्यों से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से एफडीआई के विरोध की खबरें सतत आ
रही हैं। मल्टी ब्रैंड रिटेल में 51 फीसदी एफडीआई को सरकार ने मंजूरी भले दे दी
हो, लेकिन उसकी
राह इतनी आसान नहीं है। महंगाई के मोर्चे पर सरकार से पहले ही नाराज चल रहे विपक्ष
और गठबंधन दलों ने एफडीआई को भी मुद्दा बना लिया है। ज्यादातर राज्य सरकारों ने
इसका विरोध किया है,
वहीं कुछ ऐसी भी हैं जो इसके समर्थन में हैं।
गुजरात समाचार
एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से जलपन पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री नरेंद मोदी ने इस
पर सरकार और कांग्रेस पर निशाना साधा है। मोदी ने कहा है कि डॉ. मनमोहन सिंह सिंघम
बन गए हैं। लेकिन आपकी हड्डियों में उतनी ताकत नहीं है कि आप लड़ते हुए मर सकें।
बजाय इसके आपको कहना चाहिए कि हम मरते-मरते लड़ेंगे। आप विदेशी कारोबारियों को भारत
आने की इजाजत दे रहे हैं...देश जानना चाहता है कि इसमें इटली से कितने होंगे? वहां से कितने
कारोबारी यहां किराने की दुकान चलाने आएंगे?
कोलकता से समाचार
एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से प्रतुुल बनर्जी ने बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
इसको लेकर काफी खफा नजर आ रही हैं। ममता बनर्जी ने कहा कि हां, हमें सुधारों की
जरूरत है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम कुछ लोगों को संतुष्ट करने के लिए सबकुछ
बेच दें। मैं इस फैसले का समर्थन नहीं करती। मैं इससे सहमत हूं कि सेंसेक्स स्थिर
होना चाहिए। साथ ही नीतियों और योजनाओं का इस्तेमाल आम आदमी पर कमर तोड़ बोझ डालने
के लिए नहीं होना चाहिए।
तृणमूल कांग्रेस
अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि उनकी पार्टी
खुदरा व्यापार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति और डीजल की कीमतों में वृद्धि
के मामलों पर यूपीए सरकार को नहीं गिराना चाहती । कल दोपहर कोलकाता में जनसभा में
उन्होंने कहा कि वे गठबंधन तोड़ने के पक्ष में कभी भी नहीं रही हैं। सुश्री बनर्जी
ने यह भी कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने इन मुद्दों पर चर्चा के लिए मंगलवार को बैठक
बुलाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर
केंद्र ने डीजल की कीमतों में वृद्धि और मल्टी ब्रांड खुदरा व्यापार में प्रत्यक्ष
विदेशी निवेश के फैसले वापस नहीं लिये तो उन्हें कठोर निर्णय लेने पड़ सकते हैं।
उधर, उत्तर प्रदेश भी
एफडीआई के विरोध में आकर खड़ा हो गया है। राजधानी लखनउ से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया
के ब्यूरो से दीपांकर श्रीवास्तव ने बताया कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कहना है
कि एफडीआई के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी का नजरिया साफ है। हम इसे उत्तर प्रदेश
में लागू नहीं करेंगे। अगर वे एफडीआई लाना चाहते हैं तो हम चाहेंगे कि वह इसे बिजली
और सड़क के लिए लाएं। अगर इसे रिटेल सेक्टर में लाया गया तो छोटे दुकानदारों का
क्या होगा। यूपीए सरकार को समर्थन जारी रखने पर फैसला राष्ट्रीय नेतृत्व करेगा।
देश के हृदय प्रदेश
के निजाम इस मामले में बुरी तरह खफा हैं। भोपाल से साई ब्यूरो से सोनल सूर्यवंशी
ने बताया कि शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि मल्टी ब्रैंड रिटेल में एफडीआई को
मध्य प्रदेश में नहीं लागू किया जाएगा। मैं एफडीआई के खिलाफ नहीं हूं, पर इसे
इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में लागू किया जाना चाहिए। देश के लाखों परिवारों की
रोजीरोटी किराने की दुकानों और छोटे कारोबारों पर निर्भर करती है। मल्टी ब्रैंड
रिटेल में एफडीआई से बेरोजगारी बढ़ेगी और लाखों परिवार आर्थिक मुश्किलों का सामना
करना पड़ेगा।
उधर, असम में तरूण गोगोई
ने इसका स्वागत किया है। समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के गुवहाटी ब्यूरो से पुरबालिका
हजारिका ने बताया कि मुख्यमंत्री तरूण गोगोई ने मल्टी ब्रैंड रिटेल में 51 फीसदी एफडीआई का
स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इससे किसानों, उपभोक्ताओं को
फायदा होगा। कोल्ड स्टोरेज और दूसरे बुनियादी ढांचे के बनने से ग्रामीण
अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। प्रधानमंत्री और कैबिनेट ने एक साहसिक फैसला लिया
है। कुछ लोगों के विरोध के बावजूद उन्हें उस पर कायम रहना चाहिए।
राजद के सुप्रीमो
लालू यादव ने भी इसकी भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि किसानों को मल्टी ब्रैंड
रिटेल में एफडीआई से फायदा होगा। उन्हें अपनी उपज का ठीक दाम मिलेगा। लोगों को भी
इससे फायदा होगा। उन्हें एयर कंडीशंड स्टोर्स से सामान खरीदने का मौका मिलेगा।
उन्हें वहां अच्छी क्वॉलिटी का अनाज , फल और दूसरी चीजें मिलेंगी।
उधर, नवीन पटनायक ने इस
मामले में अपना फैसला नहीं सुनाया है। उन्होंने कहा कि बीजेडी सरकार ओडिशा में
मल्टी ब्रैंड रिटेल में एफडीआई लागू किया जाए या नहीं इसकी पड़ताल करेगी। केंद्र ने
इसे राज्य सरकारों पर छोड़ दिया है। इसलिए हम इस पर सावधानीपूर्वक गौर करेंगे।
ओडिशा और यहां के लोगों के लिए जो भी उचित होगा हम वह करेंगे।
विपक्षी दलों ने
कहा है कि वे इस महीने की २० तारीख को डीज$ल के मूल्य में बढ़ोतरी और मल्टी ब्रांड
खुदरा व्यापार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।
समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने वामदलों, जनता दल सेक्यूलर, बीजू जनता दल और
तेलुगुदेशम पार्टी के नेताओं के साथ मिल कर जारी संयुक्त वक्तव्य में कहा कि इन
फैसलों से जनता पर और बोझ बढ़ेगा। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में एनडीए ने भी
इसी दिन अलग से राष्ट्रव्यापी हड़ताल किए जाने की घोषणा की है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें