तारा का सूर्य
अस्ताचल की ओर
(अनिल दामडे)
सिवनी (साई)।
भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में सरकारी कर्मचारी अधिकारी ही करोड़ों अरबों उगल
रहे हैं। इसी क्रम में भारतीय जनता पार्टी के मंत्री और विधायकों के दुलारे जिला
शिक्षा अधिकारी तारा चंद पटले के पास से भी अनुपातहीन संपत्ति मिलती ही जा रही है।
मंत्री विधायक और कलेक्टर तक को पैसे देने की बात कहने वाले रिश्वत के आरोपी
शिक्षा विभाग के मुलाजिम की बातें रिकार्ड होने के बाद भी रिश्वत के आरोपी पटले
ठसक के साथ ही डीईओ की कुर्सी पर विराजमान हैं।
जिला शिक्षा
अधिकारी श्री टी.सी. पटले की पत्नी
श्रीमती वंदना पटले के विरूद्ध भी लोकायुक्त ने आय से अधिक संपŸिा का मामला कायम
कर लिया है। बालाघाट में हाउसिंग बोर्ड की कालोनी में इनके एमआईजी क्वार्टर को भी
ट्रेस कर लिया है। इसके अलावा भी लोकायुक्त की टीम अब टी.सी.पटले पटले के कागजात
डायरियाँ और फोन रिकार्ड आदि देख रही है जिससे और भी खुलासे हा सकते हैं।
लोकायुक्त के पास जो काल रिकार्ड है उनमें जिला कलेक्टर को पैसे पहुँचाये जाने की
बात का भी जिक्र है।
विदित हो कि
लोकायुक्त की श्री टी.सी. पटले की पूरी संपŸिा की जाँच कर रही है। लोकायुक्त पुलिस के
सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि जाँच में टीम ने बालाघाट में इनके
एमआईजी क्वार्टर को भी ट्रेस कर लिया है जिसे श्री पटले ने डबल स्टोरी बना लिया
था। इसके साथ ही टीम ने श्री पटले की पत्नी वंदना पटले पर भी आय से अधिक संपŸिा का मामला कायम
कर लिया है। अब श्री पटले पर दो दो मामले कायम हो
गये हैं वहीं उनकी पत्नी पर मात्र एक।
यहाँ यह उल्लेखनीय
है कि ताराचंद पटले की पत्नी श्रीमती वंदना पटले जब छिंदवाड़ा से स्थानांतरण होकर
सिवनी आयी थी तब इनका पदांकन मठ कन्या शाला में किया गया था किन्तु श्रीमती पटले
एक माह तक मठ कन्या शाला गयी ही नहीं घर में बैठे रही। इस दौरान श्री पटले ने
इन्हें आँफिस में अटैच बताया और घर बैठे इन्हें वेतन देते रहे।
लोकायुक्त पुलिस के
सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि लोकायुक्त की टीम के पास जो काल
रिकार्ड है उनमें कलेक्टर को भी पैसे पहुँचाये जाने की बात का जिक्र है। हालाकि
लोकायुक्त इस मामले को अभी गंभीरता से नहीं ले रहा है। लोकायुक्त की टीम का मानना
है कि पैसे मांगने वाला तो कलेक्टर विधायक, मंत्री आदि सभी के नाम से मांग सकता है
किन्तु अगर दस्तावेजों से ये बात साबित होती है कि अन्य कोई भी आरोपी के सहयोगी थे
या आरोपी को संरक्षण प्रदान किये हुए थे तो मामला सामान्य नहीं रहेगा।
यहाँ यह बात भी
विशेष उल्लेखनीय है कि लोकायुक्त की टीम ने गत दिवस दोपहर 2 बजे टी।सी। पटले
को रिश्वत लेते हुए पकड़ा था। यह खबर पूरे प्रदेश में तत्काल ही ब्रेक हो गयी। सुबह
सारे अखबार में भी आ गयी उसके बाद भी टी।सी। पटले को अब तक निलंबित नहीं किया गया
है जबकि लोकायुक्त के छापे के बाद तो अधिकारियों को तत्काल निलंबित कर दिया जाता
है। श्री पटले आज भी ठाठ के साथ अपने पद में बने हैं।
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