शुक्रवार, 19 अक्टूबर 2012

सिवनी में लगने लगा डेंगूं का डंक!


सिवनी में लगने लगा डेंगूं का डंक!

दो की मौत! नहीं टूट रही प्रशासन की तंद्रा

(संजीव प्रताप सिंह)

सिवनी (साई)। देश की राजनैतिक राजधानी दिल्ली में अपना कहर बरपाने के उपरांत अब मच्छर जनित डेंगू रोग ने सिवनी जिले को अपने कब्जे में ले लिया है, वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग के साथ ही साथ नगर पालिका प्रशासन सिवनी, और अन्य स्थानीय निकाय हाथ पर हाथ रखे ही बैठे हैं। डेंगू से अब तक दो लोगों की मौत की खबर है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बरघाट विधानसभा क्षेत्र के कुरई विकासखण्ड में दो बच्चों की डेंगू से मौत हो गई। इनमें हाल ही में सात वर्षीय एक बच्ची की मौत के उपरांत प्रशासन हल्का सा हरकत में आता दिख रहा है। मृतक बालिका की बहन भी डेंगू की चपेट में बताई जा रही है।
आदिवासी बाहुल्य कुरई विकासखण्ड में डेंगू की स्थिति काफी हद तक दयनीय बताई जा रही है। स्थानीय विधायक कमल मस्कोले भी इस मामले में निष्क्रिय ही बैठे हुए हैं। बताया जाता है कि उनका ध्यान कुरई विकासखण्ड के अंतर्गत आने वाली खवासा की अंतरप्रांतीय जांच चौकी की ओर ज्यादा है।
दिल्ली सहित अनेक शहरों में जानलेवा डेंगू के बचाव हेतु स्थानीय निकायों द्वारा एहतियातन कदम उठाए जाते हैं। विडम्बना ही कही जाएगी कि जिला मुख्यालय की नगर पालिका सिवनी द्वारा आज तक एक भी बार जमा पानी का ना तो निरीक्षण ही कराया गया है और ना ही पानी में मच्छरों के लार्वा का सेंपल ही लिया गया है।
पालिका प्रशासन के पास फागिंग मशीन है जो शोभा की सुपारी बनी हुई है। इस फागिंग मशीन का उपयोग जिला प्रशासन के व्हीव्हीआईपीज और जनसेवकों, रसूखदारों के आवासों के इर्द गिर्द घुमाकर रस्म अदायगी कर ली जाती है। सूचना के अधिकार में अगर इस फागिंग मशीन पर हुए व्यय की जानकारी एकत्र की जाए तो लोग हैरत में पड़ जाएंगे कि आखिर इतनी राशि व्यय हो गई है और लोगों को फागिंग मशीन अंत तक दिखाई ही नहीं पड़ी है।
मच्छर जनित रोगों के लिए बारिश के उपरांत का मौसम काफी हद तक उपजाउ माना जा सकता है। बावजूद इसके मलेरिया, डेंगू आदि के लिए संवेदनशील इस मौसम में स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह ही निष्क्रिय है। यहां उल्लेखनीय बात यह है कि जिला मलेरिया अधिकारी के पद पर परिसीमन में समाप्त हुई सिवनी लोकसभा की अंतिम सांसद, सिवनी विधानसभा की विधायक एवं मध्य प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष श्रीमति नीता पटेरिया के पति डॉ.पटेरिया पदस्थ हैं। वहीं दूसरी ओर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर लखनादौन की भाजपा विधायक श्रीमति शशि ठाकुर के पति डॉ.वाय.एस.ठाकुर पदस्थ हैं।
डेंगू से दौ मोत होने के बाद भी स्थानीय विधायक कमल मस्कोले की बेरूखी समझ से परे है। वहीं दूसरी ओर विपक्ष में बैठी कांग्रेस ने भी अपना मुंह इस मसले में सिल रखा है। नगर पालिका प्रशासन द्वारा घरों घर जाकर खुले में जमा पानी जो मच्छर पैदा करने के लिए उपजाउ माहौल तैयार करता है की जांच भी नहीं किया जाना पालिका प्रशासन की अकर्मण्यता ही दर्शाता है। अन्य शहरों में जमा पानी के लिए समझाईश दी जाकर बाद में चालान भी बनाए जाते हैं।
ज्ञातव्य है कि डेंगू का लार्वा साफ पानी में ही पैदा होता है। नवरात्र के चलते ही पालिका प्रशासन द्वारा साफ सफाई पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कहने को तो पालिका के कारिंदों द्वारा हाथ में पाईप लेकर साफ सफाई की फोटो छपवाकर प्रोपोगंडा अवश्य ही करवाया जाता है पर सच्चाई यह है कि कचरे के ढेर और गंदगी से नालियां बुरी तरह बजबजा रही हैं।

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