शुक्रवार, 19 अक्टूबर 2012

नमस्ते कहिए, हाथ न मिलाएं


नमस्ते कहिए, हाथ न मिलाएं

ग्रामीण अंचल में डीएफपी ने दिया स्वास्थ्य् जागरूकता का संदेश

(एम.के.देशमुख)

मण्डला (साई)।यदि आप किसी से मिलते हैं, तो उसका अभिवादन करने के लिए नमस्ते कहिये न कि हाथ मिलाएं। नमस्ते करना हमारी भारतीय संस्कृति का सूचक तो है ही, बल्कि ऐसा करना हमारी सेहत के लिए भी अच्छा है। यह संदेश सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय, डीएफपी द्वारा जिले के ग्रामीण अंचल में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य् मिशन (एनआरएचएम) तहत् चलाये जा रहे विशेष प्रचार अभियान कार्यक्रम के दौरान विषय विशेषज्ञों ने दिया।
जिले के ग्राम घाघा के शासकीय हाईस्कूल में डीएफपी द्वारा आयोजित विशेष प्रचार अभियान में विशेषज्ञों ने छात्र-छात्राओं को बताया कि पश्चात्य संस्कृति के प्रति आकर्षित होकर हम अपने संस्कार भूलते जा रहे हैं जो हमारे सामाजिक जीवन के लिए घातक है। लोग अब नमस्ते कहने की बजाए हाय-हैलो और हाथ मिलाने में गर्व महसूस करते हैं, जबकि ऐसा करना हमारी सेहत के लिए खतरनाक है। डीएफपी मण्डला के एफपीए अशोक विश्वकर्मा ने बताया कि एक-दूसरे से हाथ मिलाने से हमारे शरीर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होने के साथ-साथ कीटाणु भी पहुंच जाते हैं जो किसी भी बीमारी के रूप में हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा कि जब भी किसी से हाथ मिलाएं तो बाद में हाथ साबुन से अवश्य धोएं। कार्यक्रम में क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी समीर वर्मा ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य् मिशन के तहत् आमजन को दी जाने वाली स्वास्थ्य् सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किसी भी योजना का लाभ लेने के लिए जागरूक होना जरूरी है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता पुहुप सिंह भारत ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य् मिशन कार्यक्रम शुरू होने के बाद से ग्रामीण अंचल में स्वास्थ्य् सुविधाओं में सुधार हुआ है। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि बेहतर स्वास्थ्य् के लिए जो जानकारी दी जा रही है उसे अपने परिवार वालों और आसपास के लोगों को भी दें, ताकि अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो सकें। कार्यक्रम को विद्यालय की शिक्षिका पार्वती सुदेश्वर ने भी संबोधित किया।
कार्यक्रम को रोचक बनाने के लिए प्रश्नोŸारी कार्यक्रम एवं संगोष्ठी का आयोजन किया जिसमें टीकाकरण, जननी सुरक्षा योजना, स्तनपान, गर्भवती मां एवं नवजात शिशु की देखभाल और कुपोषण तथा सामान्य ज्ञान पर आधारित प्रश्न पूछे गये। जिसमें छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। विद्यालय के विद्यार्थी मनोज कुमार मरावी, सुकमती आर्मो, ज्ञानवती बरकड़े, अनिल कुमार बरमैया, राजेश कुमार यादव, सोनसिंह आयाम और धीरेन्द्र कुमार नंदा को सही जवाब देने पर पुरस्कार प्रदान किया गया। कार्यक्रम में विद्यालय के सभी शिक्षकगण उपस्थित थे। कार्यक्रम में अशोक कुमार विश्वकर्मा ने आभार व्यक्त किया।
गौरतलब है कि जिले के ग्रामीण अंचल में डीएफपी की मण्डला द्वारा विशेष जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस क्रम में ग्राम घाघा, भैंसादाह, वनग्राम सुरजपुरा, साल्हेडंडा, पौड़ी और ठोड़ा में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य् मिशन पर आधारित प्रचार प्रसार किया गया। आमजन को फिल्म शो और प्रचार सामग्री के माध्यम से जानकारी दी गई।

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