विवेकानंद और दाउद
एक समान: गड़करी
(राजेश शर्मा)
भोपाल (साई)। घपले, घोटाले में फंसे
भारतीय जनता पार्टी के निजाम नितिन गड़करी का शनि वाकई काफी भारी चल रहा है। गड़करी
पर एक के बाद एक आरोप लग रहे हैं, वहीं नितिन गड़करी की जुबान भी जमकर फिसली और
उन्होंने प्रख्यात आध्यात्मिक संत स्वामी विवकानंद की तुलना कुख्यात
अंतर्राष्ट्रीय अंडर वर्ल्ड डान दाउद इब्राहिम से कर दी।
देश के हृदय प्रदेश
की राजधानी भोपाल में एक स्थानीय पत्रिका की ओर से आयोजित समारोह को संबोधित करते
हुए गडकरी ने साइकॉलजी के आधार पर बुद्धि नापने का पैमाना इंटेलिजेंट
कोसंट(आईक्यू) का हवाला देते हुए कहा, यदि दाऊद और विवेकानंद के आईक्यू को देखा
जाए, तो एक समान
पाई जाती। लेकिन एक ने इसका उपयोग गुनाह के लिए किया और दूसरे ने समाज के लिए।श्
उन्होंने कहा कि
आईक्यू के बल पर नारी शक्ति ने अवसर मिलने पर खुद को श्रेष्ठ साबित किया है, लेकिन लंबे समय से
समाज में धर्म, जाति, भाषा, लिंग आदि के आधार
पर भेदभाव होता रहा है,यह समाप्त करना होगा। विवेकानंद का उदाहरण देते हुए गडकरी ने
कहा कि 21वीं सदी
भारत की सदी होगी। उन्होंने कहा कि अठारहवीं सदी मुगलों, उन्नीसवीं सदी
ब्रिटेन साम्राज्यवादी और बीसवीं सदी अमेरिका के उत्थान की थी, उसी प्रकार इस बात
में कोई संदेह नहीं है कि इक्कीसवीं सदी भारत की होगी और इसमें महिलाओं की
क्षमताओं को उल्लेखनीय योगदान होगा।
उन्होंने महिलाओं
से आह्वान किया कि वे इस मानसिकता से बाहर निकलें कि लिंग के आधार पर वे कमजोर
हैं। पुरुष शक्ति का दायरा जहां खत्म होता है, वहीं उसे प्रकृति
यानी नारी शक्ति का ही सहारा लेना पड़ता है। इसके लिए उन्होंने काली, दुर्गा और कई
शक्तियों का उदाहरण दिया, जिन्होंने देवताओं के पराजित होने पर शुम्भ-निशुम्भ, महिषासुर आदि बुरी
ताकतों का अंत किया।
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