प्लास्टिक के तिरंगों को रेड सिग्नल
(महेंद्र देशमुख)
नई दिल्ली (साई)। पर्यावरण संबंधी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार छोटे प्लास्टिक के राष्ट्रीय ध्वजों के निर्माण पर प्रतिबंध लगाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। इन झंडों का स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस के अवसर पर बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही यह सुनिश्चित कराया जाएगा कि केवल कागज निर्मित झंडों का ही इस्तेमाल हो।
सभी केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों, राज्य सरकारों और केंद्र शासित राज्यों को भेजी गई एडवाइजरी में गृहमंत्रालय ने प्लास्टिक के हानिकारक प्रभावों का उल्लेख करते हुए सभी की राय मांगी गई है। गृहमंत्रालय ने कहा है कि ऐसे छोटे झंडे को कार्यक्रमों के बाद न तो जमीन पर फेंका जाना चाहिए और न ही फाड़ा जाना चाहिए।
प्लास्टिक के झंडे जल्दी नष्ट नहीं होते है, जिससे राष्ट्र ध्वज का अपमान होता है। हालांकि मंत्रालय ने इस बारे में कोई डेडलाइन निर्धारित नहीं की है। मंत्रालय ने संबंधित पक्षों से इस मसले पर उनके सुझाव मांगे हैं। यदि केंद्र के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया तो पर्यावरण को बढ़ावा देने की दिशा में यह बड़ी कोशिश होगी। गणतंत्र और स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय महत्व के पर्वों के बाद बड़ी संख्या में प्लास्टिक के झंडे जमीन पर फेंक दिए जाते हैं। जल्द नष्ट नहीं होने की वजह से राष्ट्र ध्वज का अपमान होता रहता है।
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