शिव को ढेंगा
दिखाते बस आपरेटर्स
(सोनल सूर्यवंशी)
भोपाल (साई)। मध्य
प्रदेश में निजी ओर सरकारी परमिट पर सड़कों का सीना रोंदकर सवारी ढोने वाले बस
आपरेटर्स ने मध्य प्रदेश के निजाम शिवराज सिंह चौहान को भी किनारे रखकर नियम
कायदों का खुलकर माखौल उड़ाया जा रहा है। मध्य प्रदेश में दो दरवाजे वाली बसों और
बस में फर्स्ट एड बाक्स के नियमों को धता बताकर आज भी बेखौफ होकर वेध अवेध यात्री
बसें सड़कों का सीना रोंद रही हैं।
परिवहन विभाग की
अनुबंधित बसों में यात्रियों को सुरक्षित यात्रा मुहैया कराने एवं बसों के बेहतर
संचालन के करने के अधिकारियों के दावे खोखले साबित हो गये हैं। हालत यह है कि
ज्यादातर रोडवेज बसों से फर्स्ट एड बॉक्स गायब हो चुके हैं। यात्रा के दौरान
दुघर्टना होने पर घायल को शुरुआती चिकित्सा मुहैया कराने के लिए उसे नर्सिंग होम
में भर्ती कराना पड़ता है।
यात्री बसों में
सीटों के अतिरिक्त मंहगी यात्रा वाले कथित आरामदेह स्लीपर कोच तो हैं लेकिन
आपातकालीन स्थिति में यात्रियों की सुविधा के लिए विभाग द्वारा लगाए गए फर्स्ट एड
बॉक्स देखने को नहीं मिलते हैं। जिन बसों में फर्स्ट एड बॉक्स है, वह खाली मिलता है।
बताया जाता है कि मुख्यालय से प्रत्येक बस में रखे जाने वाले फर्स्ट एड बॉक्स के
लिए धनराशि दी जाती है। जिसमें कॉटन का पैकेट, लाल दवाई, चोट पर लगाई जाने
वाली ट्यूब आदि खरीदने के निर्देश दिए गए हैं।
इसी तरह शिवराज
सिंह चौहान ने स्पष्ट निर्देश दिए है कि यात्री बसों में दो दरवाजे अनिवार्य तौर
पर होना चाहिए किन्तु लालच और जगह के अभाव के चलते बस आपरेटर्स द्वारा दो दरवाजों
के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। किन्हीं किन्ही बसों में दूसरा दरवाजा दिख
जरूर जाता है पर उस दरवाजे के अंदर सीट लगी होती है जिससे दुर्घटना की स्थिति में
यात्रियों के जीवन से खिलवाड़ को रोका नहीं जा सकता है।
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