रूपए का चिन्ह
चर्चाओं में
(रश्मि सिन्हा)
नई दिल्ली (साई)।
रूपए के नए प्रतीक चिन्ह को लेकर एक बार फिर चर्चाएं तेज हो गई हैं। ज्ञातव्य है
कि रुपये का प्रतीक चिनह तय करने की प्रक्रिया में अनियमितताएं बरते जाने का आरोप
लगाते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई है।
याचिका पर उच्च न्यायालय
के मुख्य न्यायाधीश डी मुरुगेसन व जस्टिस आरएस एंडलॉ की खंडपीठ ने केंद्र सरकार को
नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। मामले में न्यायालय ने केंद्रीय गृह सचिव और
सांस्कृतिक मंत्रालय के सचिव को 9 जनवरी को अदालत में पेश होकर जवाब दाखिल
करने के लिए समन जारी किया है।
राकेश कुमार सिंह
ने अधिवक्ता कमल कुमार पांडेय के माध्यम से दिल्ली उच्च न्यायालय में जनहित याचिका
दायर की है कि रुपये का चिन्ह तय करने के लिए अखिल भारतीय स्तर पर प्रतियोगिता हुई
थी। लोगों में देश प्रेम की भावना जोड़ने के लिए सरकार ने रुपये के प्रतीक चिन्ह का
डिजाइन मांगा था। इस प्रतियोगिता में अनियमितताएं बरती गई और सैंकड़ों लोगों की
भावनाओं को ठेस पहुंचाते हुए उनके बनाए डिजाइन को दरकिनार किया गया, बल्कि पहले से ही
तय डिजाइन को विजेता घोषित करने के लिए सरकार ने तय मापदंडों में भी बदलाव कर
दिया।
समाचार एजेंसी ऑफ
इंडिया से चर्चा के दौरान राकेश कुमार सिंह ने बताया कि यह पहली बार नहीं हुआ है।
इससे पहले भी आरटीआइ एक्ट का चिन्ह तय करने और राष्ट्रमंडल खेल का चिन्ह तय करने
के लिए आयोजित प्रतियोगिताओं में ऐसा ही किया गया था। लिहाजा, देशहित में
हाइकोर्ट द्वारा केंद्र सरकार को निर्देश जारी किए जाएं कि वह इस तरह की सार्वजनिक
प्रतियोगिताओं के लिए यूनिफॉर्म गाइडलाइन जारी करे। जिससे भविष्य में देश भावना से
जोड़ने वाली इस तरह की प्रतियोगिताओं में धांधलेबाजी न हो।
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