केंद्र सरकार की सलाह: गोमांस खाएं अपना
खून बढ़ाएं!
(शरद)
नई दिल्ली (साई)। सत्ता के मद में चूर
कांग्रेसनीत केंद्र की संप्रग सरकार अब उल जलूल हरकतों पर आमदा नजर आ रही है।
समाचार चेनल्स भले ही इस बात को चिल्ला चिल्ला कर कह रहे हों कि अजमल कसाब और अफजल
गुरू को फांसी पर चढ़ाकर कांग्रेस ने भाजपा से भावनात्मक मुद्दा छीन लिया है पर
कांग्रेस के कदमों से भाजपा को एक के बाद एक नया मुद्दा मिलता जा रहा है। हाल ही
मेें केंद्र सरकार द्वारा खून बढ़ाने के लिए गोमांस खाने की वकालत कर दी है।
केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण
मंत्रालय की पोषण नमाक पुस्तिका विवादों में घिर गई है। सरकार का अल्पसंख्यक और
राष्ट्रीय जनसहयोग एवं बाल विकास मंत्रालय उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक बहुल इलाकों
में शरीर में ऑक्सीजन और खून बनाने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ ही मुर्गा
व गाय का मांस खाने की सलाह दे रहा है। इस इलाके में यह पुस्तिका बांटी जा रही है।
मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है।
मेरठ के मवाना में यह मामला सामने आने
पर बीजेपी ने गोमांस खाने की सलाह पर बुधवार को बीजेपी नेताओं का गुस्सा फूट पड़ा।
अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी का घेराव कर बीजेपी ने नारेबाजी की। बीजेपी ने आगामी
संसद सत्र में इस मुद्दे को उठाने की घोषणा की है। बीजेपी की नाराजगी के बाद इससे
जुड़े अधिकारियों ने इस पुस्तिका को बैन करने की बात कही है।
मेरठ के सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा
कि गाय करोड़ों हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है। गाय के प्रति इस प्रकार की मानसिकता
बर्दाश्त नहीं की जाएगी। महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश में
गोवंश की हत्या बैन हैं, जबकि विभागीय किताब में गाय के मांस को आयरन, ऑक्सीजन तथा खून बनाने के लिए जरूरी
बताया गया है।
प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष लक्ष्मीकांत
वाजपेई ने कहा कि यूपी में गोरक्षा के लिए 2001 में यूपी में गोवंश निवारण अधिनियम
लागू है। इसके बाद भी किसी केंद्रीय सरकार के मंत्रालय द्वारा यह पर्चा बांटना इस
बात का प्रमाण है कि केंद्र सरकार गो-हत्या को बढ़ावा दे रही है।
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