गुरुवार, 14 फ़रवरी 2013

कैथल : छात्रों के शून्य बेलेंस वाले खाते इसी माह खुलवाएं


छात्रों के शून्य बेलेंस वाले खाते इसी माह खुलवाएं

(राजकुमार अग्रवाल)

कैथल (साई)। शिक्षा विभाग के जिला में कार्यरत अधिकारियों को सरकारी विद्यालयों में एक से 12वीं कक्षा तक पढ़ रहे सभी बच्चों के बैंक खाते शुन्य बैलेंस पर 28 फरवरी 2013 तक खुलवाने के निर्देश दिए हैं। उपायुक्त लघु सचिवालय स्थित सभागार में शिक्षा विभाग एवं जिला में स्थित बैंकों के प्रतिनिधियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य के शिक्षा विभाग एवं केंद्र सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं, छात्रवृतियों एवं पुरस्कार आदि के अंतर्गत नकद धनराशि दी जाती है, जिनका उद्देश्य बच्चों को शिक्षा उन्मूख बनाना तथा प्रतिभावान बच्चों को प्रोत्साहित करना है। राज्य सरकार के निर्देशानुसार इन योजनाओं का सीधा लाभ बच्चों को सुनिश्चित किया जाएगा, जिसके लिए कक्षा एक से 12वीं तक सरकारी विद्यालयों में पढऩे वाले बच्चों के बैंक खाते खुलवाए जाने आवश्यक हैं।
श्री चंद्रशेखर ने कहा कि शिक्षा का अधिकार, 2009की अनुपालना में विभिन्न प्रकार की निरूशुल्क हकदारियां भी बच्चों को दी जाती हैं, जो मौलिक शिक्षा को संपन्न करने हेतू अधिनियम में परिभाषित की गई है। इसमें मुयतरू निरूशुल्क वर्दी, स्टेशनरी, स्कूल बैग शामिल हैं। उन्होंने बताया कि कुछ धनराशियां जो आन टाईम ग्रांट केवल अनुसूचित जाति के बच्चों और गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों से संबंधित बच्चों के लिए है, जो वर्तमान में विभिन्न स्त्रोतों से बच्चों के खातों में स्थानांतरित की जा रही है। वर्तमान में यह राशि सीधे तौर पर विद्यालय प्रबंधन समिति के खातों में जारी की गई है। यह प्रक्रिया अन्य निरूशुल्क हकदारियों के संबंध में भी अपनाई गई है। यह हकदारियां सीधे बच्चो से संबंधित है। अतरू वित्त विभाग के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार अब यह सीधे तौर पर एस।एम।सी के खातों में न भेजकर लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जानी है। इन निर्देशों का पालन करने के लिए यह अति आवश्यक है कि राजकीय विद्यालयों में पढ़ रहे कक्षा 1 से 12 के सभी बच्चों के बैंक खाते खुलवाकर संबंधित कार्य हेतू उपलब्ध करवाएं जाएं। ये सभी बैंक खाते उन्हीं बैंको में खुलवाएं जाएं, जिनमें आईएफएसई कोड उपलब्ध हो, ताकि इलैक्ट्रोनिक ट्रांसफर संभव हो।   उपायुक्त ने सभी अधिकारियों से बच्चों को नैतिक मूल्यों की जानकारी देने के साथ-साथ बच्चों को उच्च उपलब्धियां हासिल करने के लिए प्रेरित करने को कहा। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद समाज की भलाई के लिए अच्छा कार्य करना होना चाहिए। बच्चों में अपने उद्देश्य की प्राप्ति के प्रति एक जज्बा पैदा किया जाना चाहिए। उन्होंने अध्यापकों से स्वयं के प्रति ईमानदार बनने तथा जीवन में आत्म अनुशासन अपनाने को भी कहा, क्योंकि देश की तरक्की तभी संभव है, जब हम साफ नीयत से काम करेंगे तथा अपने जीवन में आत्म अनुशासन को अपनाएंगे। उन्होंने विद्यालयों में अनुशासन की कमी पर चिंता व्यक्त की और कहा कि बच्चों को अनुशासन सीखाने के लिए आत्म अनुशासन से बढ़कर कोई कारगर उपाय नही है। उन्होंने सभी अधिकारियों को खुद की संतुष्टि के लिए ईमानदारी पूर्वक काम करने को कहा। एक अध्यापक को दूरदर्शी होने के साथ-साथ बेहत्तर कार्य करने वाले को रोल माडल के रूप में लेकर उनका अनुसरण भी करना चाहिए।  जिला शिक्षा अधिकारी जसबीर सिंह ने कहा कि सभी बच्चों के खाते बैंकों में खुलवाएं जाएं, इनमें कक्षा 1 से 12 तक के सरकारी विद्यालयों में पढ़ रहे सभी बच्चे शामिल हैं। बैंक खाते खोलने के लिए उन बैंकों का चुनाव किया जाए, जिनमें आईएफएसई कोड हो तथा इलैक्ट्रोनिक ट्रांसफर की सुविधा उपलब्ध हो। जहां तक संभव हो सभी बच्चों के खाते एक ही बैंक में खोले जाएं। उन्होंने कहा कि बैंक खाते खोलने के लिए फोटोग्राफ सुविधा विद्यालय द्वारा उपलब्ध करवाई जाए। इसके लिए खर्च विभाग द्वारा उपलब्ध करवाए गए फंडों में से किया जाए। यह फंड विभाग द्वारा सीधे स्कूलों को उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। इसके लिए विभाग द्वारा उपलब्ध प्रपत्र में सूचना कपूटराईजड कर उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने कहा कि स्कूल मुखिया बैंकों से संपर्क करें तथा खाता खोलने के लिए फार्म लेकर सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ भरकर बैंक अधिकारी को उपलब्ध करवाएं। यदि कोई बैंक जीरो बैलेंस पर खाता खोलने से मना करता है या कोई अन्य बाधा उत्पन्न होती है तो इसकी सूचना तुरंत संबंधित बीईओ, बीईईओ तथा डीईओ को दें। इसके लिए भारतीय रिर्जव बैंक का पत्र आपको उपलब्ध करवाया गया है, जिसके अनुसार सेवा प्रदाता बैंक इस कार्य से मना नही कर सकता। उन्होंने कहा कि खाता खोलने के दौरान बच्चे का नाम, आयु, दाखिला क्रमांक, श्रेणी आदि संबंधित सूचनाएं विद्यालय रिकार्ड के अनुसार अवलोकन कर सही एवं स्पष्ट उपलब्ध करवाएं। यही नही विद्यार्थियों के माता-पिता को भी जागरूक किया जाए। इस अवसर पर लीड बैंक मैनेजर राकेश कुमार, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, उप जिला शिक्षा अधिकारी रफिया राम, खंड शिक्षा अधिकारी एवं खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी, बैंकों के प्रतिनिधि आदि उपस्थित रहे।

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