सोमवार, 11 मार्च 2013

मुजफ्फरनगर यह धर्म युद्ध है और धर्म युद्ध में जीत धर्म की ही होती हैः एम.एन. कृष्णमणी


यह धर्म युद्ध है और धर्म युद्ध में जीत धर्म की ही होती हैः एम.एन. कृष्णमणी

(सचिन धीमान)

मुजफ्फरनगर (साई)। राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के मेरठ कमीशनरी स्थित चौ. चरण सिंह पार्क में चल रहे धरने के 13वें दिन आज सुप्रीम कोर्ट बार अध्यक्ष एम.एन. कृष्णमणी ने आज किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरदार वीएम सिंह के नेतृत्व में आप लोग एक धर्म युद्ध लड रहे है। धर्म युद्ध में जीत धर्म की होती है ओर इसमें कोई शक नहीं है कि धर्म आज किसानों के साथ है। किसान भाई हमारे देश की रीड की हड्डी है। किसानों के बिना कोई भी जीव जन्तु या मनुष्य जीवित नहीं रह सकता। क्योंकि किसान उसे अन्न पैदा कर खाने को देता है। ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि हाईकोर्ट सुप्रीम कोर्ट से जीतने के बाद भी आपका अधिकार आपको नहीं मिल पा रहा है। आप लोग उत्तर प्रदेश सरकार के अदालती आदेश को तामिल ना कराने की स्थिति में सीधे ही आर्टिकल 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकते है और निश्चित तौर पर इस मामले में आपका पलडा ही भारी रहेगा। उक्त बाते सुप्रीम कोर्ट बार अध्यक्ष ने धरने में आयी भारी भीड के सामने कही। श्री कृष्णमणी ने कहा कि जो राज्य सरकार उच्च अथवा उच्चतम न्यायालय के आदेशों को पालन कराने में सक्षम न हो ऐसे में केन्द्र सरकार का दायित्व है कि उस सरकार को बर्खास्त कर वहां राष्ट्रपति शासन लागू कर दें। उत्तर प्रदेश में भी यही देखने को मिल रहा है। पांच जजों की संवैधानिक बेंच के आदेशों के बावजूद भी किसानों को ब्याज नहीं दिलाया जा रहा। यह बहुत सोचनीय है और इस पर केन्द्र सरकार को भी सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि वीएम सिंह के नेतृत्व में जीत आप लोगों की ही होगी। वीएम सिंह न्याय की लडाई लड रहे है। उन्होंने कहा कि वीएम सिंह ने जब भी उनसे किसानों के लिए मदद मांगी वे हर समय मदद के लिए उपस्थित रहे और हर सम्भव सहयोग दिया। उन्होंने कहा कि पहले भी वह किसानों के लिए हमेशा खडे रहे और आगे भी किसानांे की किसी भी लडाई में कानूनी हक दिलाने के लिए वह कोई पैसा नहीं लेंगे। ये उनका आज किसानों के बीच वायदा है। उन्होंने कहा कि वह अंग्रेजी में बोल रहे है और यहां कि किसान हिन्दी जानते है यह उन्हें अच्छा नहीं लग रहा है और वह वायदा करते है कि निकट भविष्य में जब किसान अपनी यह जंग जीतेगा तो वह फिर किसानों के बीच में आयेंगे और हिन्दी में अपनी बात कहेंगे। उल्लेखनीय है कि एम.एन. कृष्णमणी ने पूरा भाषण  अंग्रेजी में दिया और उनका जितेन्द्र मोहन शर्मा अधिवक्ता उच्चतम न्यायालय ने हिन्दी में अनुवादित किया।  एम.एन. कृष्णमणी के भाषण के दौरान किसान लगातार तालियां बजाते रहे और उनका जय जयकार से स्वागत किया।  इससे पूर्व जितेन्द्र प्रधान सिवाया ने सरदार वीएम सिंह, एन.एन. कृष्णमणी बुजुर्ग नेत्रहीन हुकुम सिंह हापुड आदि  व नेहा त्यागी, राजदुलारी सहित अन्य महिलाओं का शॉल ओढाकर स्वागत किया।

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