महिला सशक्तिकरण पर हुआ फिल्म फेस्टिवल
(शिवेश नामदेव)
सिवनी (साई)। महिला को विधाता से मिला
है धरा सा धैर्य, नदी सी चंचलता, पर्वत सी उचाई, सुबह के सूरज सी गुनगुनाती धूप, पूर्णिमा के चांद सा सौंर्दय। कोमलता
महिलाआंे का केवल बाहरी रूप है। एक नारी अपने में आ जाए तो पर्वतों को हिला सकती
है, षर्म को भी षर्मिंदा कर सकती है। महिलाआंे की षक्ति, उनकी समस्याएं और समाधान पर कें्रदित था, यूथ फिल्म फेस्टिवल का तीसरा सप्ताह, जिसे नाम दिया गया था पॉवर ऑफ वूमन।
महिला सषक्तिकरण पर कें्रदित ये फिल्म फेस्टिवल षहर के मध्य में स्थित दलसागर
चौपाटी में सम्पन्न हुआ है। ये फिल्म फेस्टिवल यहां के युवाओं द्वारा संचालित
संस्था फलाह द्वारा कराया जा रहा है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये फिल्म
फेस्टिवल तीन सप्ताहों का था, इस दौरान हर रविवार की षाम, दलसागर चौपाटी में अलग अलग विसयों पर
कं्रेदित फिल्में दिखाई गईं। इस कार्यक्रम मेें कॉफी संख्या में महिलाआंे ने भाग
लिया। वहां उपस्थित लोगांे के अनुसार इस तरह के कार्यक्रम समाज को एक नई दिषा
देतेे हैं और इस तरह के आयोजन होते रहने चाहिए। इस आयोजन में महिलाआंे ने खुलकर
अपनी समस्याएं रखीं तथा उनके समाधान पर आपसी चर्चा भी की। बालाघाट से आईं सेव दा
गर्ल चाइल्ड संस्था की प्रमुख तापसी नाथ के अनुसार महिलाओं को अपनी समस्याआंे के
समाधान के लिए खुद ही कदम बढाने होंगे। वहीं कॉलेज की छात्रा श्रद्वा मिश्रा के
अनुसार अब महिलाओं को अपना दायरा बढाना होगा। इस फिल्म फेस्टिवल में षार्ट मूविज
का प्रदर्षन किया गया साथ ही जो महिलओं की समस्याओं पर थीं, साथ गिटार बैंड द्वारा ओ री चिरैया
नन्ही सी चिढिया, ओ रेे मनवा तू तो बाबरा है और अगले जनम मोहे बिटिया न किजजो जैसे गाने
प्ले किए गए।
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