गुरुवार, 4 अप्रैल 2013

राज्यपाल के आह्वाहन पर कुरैशी समुदाय का गौ-कशी न करने का अहम फैसला


राज्यपाल के आह्वाहन पर कुरैशी समुदाय का गौ-कशी न करने का अहम फैसला

(अर्जुन कुमार)

देहरादून (साई)। देहरादून में आयोजित ऑल इंडिया जमीयत-उल-कुरैश के एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित उत्तराखण्ड के राज्यपाल डॉ0 अज़ीज़ कुरैशी ने कुरैशी समुदाय के गौरवशाली इतिहास का उल्लेख किया तथा गौ-कशी जैसे संवेदनशील विषय पर कुरैशी समुदाय का आह्वाहन करते हुए कहा -’’देश में अमन-चैन, भाई-चारा लाने और किसी भी समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत न करने की दृष्टि से कुरैशी समुदाय को आज से ही गौ-कशी न करने का निर्णय लेकर समुदाय की छवि को बदलना होगा। बिरादरी के लागों को अपने बच्चों की तालीम (शिक्षा) पर विशेषतः लड़कियों की बेहतर तालीम पर ध्यान केंद्रित करना होगा। दहेज प्रथा और विकास में बाधक अन्य सभी बुराईयों से दूर रहकर कुरैशी समाज की गरिमा बढ़ाने के साथ ही मुल्क की तरक्की तथा आन-बान-शान की रक्षा के लिए दिलो-जान से समर्पित होने की कसम भी खानी होगी।’’
राज्यपाल ने कुरैश समुदाय को यह भी आश्वासन दिया कि गौकशी के नाम पर समुदाय को किसी भी स्तर पर प्रताड़ित न किया जाए यह भी सुनिश्चित किया जाएगा।
राज्यपाल के आह्वाहन पर सम्मेलन में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि कुरैशी समुदाय का कोई भी व्यक्ति देश भर में कहीं पर भी गौ-हत्या में संलिप्त पाया गया तो बिरादरी द्वारा उसका पूर्ण बहिष्कार करते हुए उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही अमल में लायी जाएगी। इसके अलावा अशिक्षा मिटाने तथा दहेज जैसी बुराईयों को खत्म करने के लिए राज्यपाल के आह्वाहन को एक बड़ी सीख मानते हुए उस पर पूरी तरह अमल करने का भी निर्णय लिया गया।
कल देर सायं सम्पन्न हुए इस सम्मेलन में कुरैशी समुदाय के लागों द्वारा राज्यपाल को सम्मानित करते हुए उनके सम्मान में काव्यपाठ भी किया गया।
सम्मेलन में जमीयत के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हाजी सलालुद्दीन, आयोजक हाजी अहसान कुरैशी, हाजी अकरम कुरैशी, हाजी दिलशाद कुरैशी सहित देश के विभिन्न राज्यों से आये कुरैशी समुदाय के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। 

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