8 अप्रैल के बाद क्या होगा विंडोज एक्सपी का?
(अमित कौशल)
नई दिल्ली (साई)। विंडोज एक्सपी से माइक्रोसॉफ्ट का सपोर्ट 8 अप्रैल को
खत्म हो रहा है। इसके बाद किसी भी विंडोज एक्सपी यूजर को कंपनी की तरफ से कोई
अपडेट नहीं दिया जाएगा।
इससे एटीएम समेत कई बैंकिंग सेवाओं पर असर पड़ सकता है। यही नहीं इसका
प्रभाव और भी कई तरह से पड़ेगा। यूं तो सपोर्ट बंद होने के बाद भी आप विंडोज एक्सपी
का इस्तेमाल कर सकेंगे, लेकिन इसको
इस्तेमाल करने को लेकर आपके खतरे बढ़ जाएंगे।
यह नहीं मिलेगा
विंडोज़ अपडेट की गैर-मौजूदगी में आपके कंप्यूटर को यह सब नहीं मिलेगा रू
- हैकिंग, वायरसों और दूसरे
हमलों से बचाने वाले नए अपडेट्स।
- नए बनने वाले हार्डवेयरों के लिए सपोर्ट नहीं मिलेगा।
- हो सकता है कि कई नए सॉफ्टवेयर कंप्यूटर में न चलें। भले ही वे
माइक्रोसॉफ्ट के ही क्यों न हों।
- उसमें कोई नए फीचर्स नहीं जोड़े जाएंगे, कोई नई सुविधा नहीं आएगी।
क्यों होगा खतरा
8 अप्रैल के बाद कंपनी कोई सपोर्ट प्रोवाइड नहीं करेगी। ऐसी स्थिति में दो
रास्ते होंगे या तो आप अधिक पैसे देकर कस्टम विंडोज एक्सपी का इस्तेमाल करे या फिर
नया ओएस अपना लें। पुराना विंडोज एक्सपी इस्तेमाल करने वाले कमजोर सिक्यॉरिटी के
कारण हैकरों और वाइरय के निशाने पर होंगे।
क्या नहीं होगा
- अगर आपके सिस्टम में विंडोज एक्सपी है तो आपका सिस्टम 8 अप्रैल के बाद
से काम करना बंद नहीं करेगा।
- आपको जबरन विंडोज 8 के लिए अपडेट नहीं करना पड़ेगा।
- एक्सपी पर ‘ट्रबलशूटिंग‘ पर माइक्रोसॉफ्ट का सपॉर्ट भले न मिले लेकिन इंटरनेट पर ऐसे
हजारों आर्टिकल्स हैं जिनके जरिए आप अपनी छोटी-मोटी समस्याएं ठीक कर सकेंगे।
क्या करें
- अगर सामान्य यूज़र हैं और इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं करते तो आपका काम
एकाध साल चलता रह सकता है। फिर भी पेन ड्राइव या दूसरे जरियों से नए वायरसों के
आने का कुछ खतरा रहेगा।
- अच्छे ऐंटिवाइरस, ऐंटिस्पाईवेयर
सॉफ्टवेयरों और फायरवॉल्स का इस्तेमाल करके आप अपने कंप्यूटर को सुरक्षित रखने की
कोशिश कर सकते हैं।
- जो लोग, कंपनियां या
कारोबारी ऑपरेटिंग सिस्टम बदलने की स्थिति में हैं, उनके लिए 8 अप्रैल 2014 से पहले विंडोज 7 या 8 को अपना लेना
बेहतर रहेगा।
- अगर आप नए ऑपरेटिंग सिस्टम का खर्च उठाने में सक्षम हैं तो आपको एक्सपी
से आगे बढ़ जाना चाहिए।
- ऐसा नहीं कर सकते और फिर भी कंप्यूटर को सुरक्षित बनाए रखना चाहते हैं
तो उसे बाहरी दुनिया से अलग-थलग रखकर काम करना चाहिए।
- सोचिए तीन नए संस्करण विस्टा, विंडोज7 और विडोज़
8 आने के बाद भी विंडोज के 12 साल पुराने संस्करण पर टिके रहना कितना सही है, जबकि तकनीकी दुनिया में इस बीच न जाने कितने बदलाव आ चुके
हैं।
काम के टिप्स
- अगर अभी ओएस नहीं बदल रहे तो 8 अप्रैल के बाद से इंटरनेट एक्सप्लोरर या
मोजिला फायरफॉक्स यूज न करें क्योंकि ये भी सिक्यॉर नहीं रह जाएंगे। गूगल क्रोम का
इस्तेमाल करके कम से कम अप्रैल 2015 तक सिक्यॉर रह सकते हैं, क्योंकि अभी गूगल क्रोम विंडोज एक्सपी को सपोर्ट करेगा।
- अधिकतर ऐंटिवाइरस सॉल्यूशन विंडोज एक्सपी को सपोर्ट करते रहेंगे।
माइक्रोसॉफ्ट का खुद का माइक्रोसॉफ्ट सिक्यॉरिटी इसैंशियल भी विंडोज एक्सपी को 14
जुलाई 2015 तक सपोर्ट करेगा।
- जावा ब्राउजर प्लग-इन हैकरों के लिए आसान टारगेट हैं, ऐसे में बहुत जरूरत न हो तो जावा को रिमूव कर दें। अगर आपको
इसकी बहुत जरूरत है तो ध्यान रखें कि ब्राउजर प्लग-इन पूरी तरह से डिसेबल्ड हैं और
अप-टू-डेट भी हैं। अडोबी प्लैश और अडोबी रीडर भी हैकरों का टारगेट हो सकते हैं।
आपको जिन सॉफ्टवेयर की जरूरत है तो उन्हें अप-टू-डेट रखें।
- अपने विंडोज एक्पसी ओएस और ऐंटिवाइरस को अपडेट कर लें।
- अगर एक्सपी ही इस्तेमाल कर रहे हैं तो जरूरी ड्राइवर्स स्टोर कर लें।
- सिस्टम का बैकअप लेने की सुविधा हो तो सेफ्टी के लिए ऐसा कर सकते हैं।
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