बुधवार, 26 मार्च 2014

बीजेपी को नहीं दिख रहे आडवाणी, जोशी, टंडन, जसवंत के आंसू


बीजेपी को नहीं दिख रहे आडवाणी, जोशी, टंडन, जसवंत के आंसू

(सोनाली खरे)

नई दिल्ली (साई)। भारतीय जनता पार्टी को पूरा भरोसा है कि वो इस बार हर हालत में सत्ता में आ जायेगी। जो साल 2009 में वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी नहीं कर पाये हैं वो इस बार गुजरात के सीएम नरेन्द्र मोदी कर पायेंगे और शायद इसीलिए उसे अपने वरिष्ठ नेताओं के आंसू नहीं दिख रहे हैं।
टिकट बंटवारे को लेकर जिस तरह से पिछले दिनों भाजपा में तूफान आया हुआ है उसे देखकर तो यही लगता है कि पार्टी का दारोमदार जिन लोगों के हाथ में है उन्हें ना तो वरिष्ठ नेताओं की चिंता है और ना ही उन्हें बुजुर्ग नेताओं के आंसू दिख रहे हैं और ना ही उनका दर्द महसूस हो रहा है। जिससे एक बात साबित होती है कि भाजपा किसी भी तरह चुनावों में जीत हासिल करना चाहती है और इसलिए वो सीनयर लोगों को अनदेखा करने से भी नहीं चूक रही है। उसे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है कि बुजुर्ग नेता पार्टी में रहे या ना रहें।
और शायद यही वजह है कि टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता अपनी नाराजगी छिपा नहीं रहे हैं और खुलकर अपना गुस्सा दिखा रहे हैं। आडवाणी, जोशी के बाद नाराजगी का नया संस्करण पार्टी के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह के रूप में सामने आया है। जसवंत सिंह राजस्थान के बाड़मेर से टिकट चाहते थे, लेकिन पार्टी ने वहां से किसी और को प्रत्याशी बनाया है जिसके बाद जसवंत सिंह ने भावुक होकर भाजपा को छोड़ देने तक की बात की है। जिसकी वजह से वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज भी काफी आहत हुई हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह ने पिछले दो-तीन महीनों से जिस तरह से पार्टी का प्रबंधन किया जा रहा है उस पर सवाल उठाया है। जसवंत ने कहा है, ‘असली मुकाबला असली भाजपा और नकली भाजपा के बीच है। मैं इसका फैसला नहीं करूंगा, लोग करेंगे।

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