प्रभारी प्राचार्य के भरोसे एकलव्य
आदर्श विद्यालय
(पीयूष भार्गव)
सिवनी (साई)। जिले के आदिवासी
बाहुल्य विकासखण्ड मुख्यालय घंसौर में संचालित एकलव्य आदर्श विद्यालय लंबे समय से
प्रभारी प्राचार्य के भरोसे ही संचालित हो रहा है। इस विद्यालय में अनेक
विसंगतियों के होने की खबर है। नियमानुसार यहां प्रथम श्रेणी के राजपत्रित अधिकारी
स्तर के प्राचार्य की नियुक्ति की जानी चाहिए, किन्तु यहां जीव विज्ञान विषय के व्याख्याता मुस्तकीम बेग के
पास प्राचार्य का प्रभार है।
विद्यालय के सूत्रों ने समाचार
एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि वर्ष 2007 में घंसौर के मॉडल स्कूल में डिंडौरी से
स्थानांतरित होकर आए प्राचार्य मुस्तकीम बेग सहित अनेक शिक्षकों की सेवाएं एकलव्य
आदर्श विद्यालय में ली जा रही हैं। वहीं, समाचार एजेंसी ऑफ
इंडिया के प्रदेश कार्यालय ने आयुक्त आदिवासी विकास विभाग कार्यालय के सूत्रों के
हवाले से बताया कि एकलव्य विद्यालयों के लिए नियुक्तियां प्रथक से की गई हैं।
सूत्रों ने बताया कि लगभग तीन साल
पहले जीव विज्ञान विषय के लिए सुनीता पटेल नामक शिक्षिका का चयन यहां के लिए किया
गया था। वे अपनी सेवाएं यहां दे रही हैं। इस लिहाज से अब जीव विज्ञान विषय के
व्याख्याता मुस्तकीम बेग को यहां अतिशेष की श्रेणी में आना चाहिए, पर विडम्बना यह है कि उनके पास आज भी आहरण वितरण अधिकार दिए
गए हैं। सूत्रों के अनुसार यहां अन्य विषयों के व्याख्याताओं के रिक्त पद के
विरूद्ध प्रभारी प्राचार्य का वेतन आहरित किया जा रहा है।
सूत्रों की मानें तो एकलव्य आदर्श
विद्यालय में प्राचार्य का पद अगर रिक्त है तो इस पद पर उत्कृष्ठ विद्यालय के
प्राचार्य स्तर के अधिकारी की पदस्थापना की जानी चाहिए। इसके लिए बनी संस्था का
अध्यक्ष जिला कलेक्टर और सचिव का दायित्व सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग को
सौंपा गया है।
सूत्रों ने आगे बताया कि पिछले
शैक्षणिक सत्र के दौरान लगभग आधा दर्जन भृत्यों की नियुक्ति भी बिना किसी विज्ञापन
को जारी किए ही मनमाने ढंग से कलेक्टर रेट पर यहां की जा चुकी है, जिसकी जांच भी अत्यावश्यक है। लंबे समय से यहां इस तरह की
विसंगतियां चल रही हैं पर जनप्रतिनिधियों ने इस दिशा में ध्यान देने की जहमत नहीं
उठाई है।
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