गुरुवार, 27 मार्च 2014

नाकारा नेताओं का दंश भोग रही छपारा की जनता

नाकारा नेताओं का दंश भोग रही छपारा की जनता

तीन दिनों से नगर में पानी सप्लाई बंद, आम आदमी पानी-पानी के लिये मोहताज

नेताओं को जनता की समस्या से ज्यादा वोटों की चिंता

(आनंद तिवारी)

छपारा (साई)।  नगर मंे पिछले तीन दिनों से नल जल योजना पूरी तरह से बंद पड़ी हुई है। इसके चलते 25 हजार की जनसंख्या वाले छपारा नगर की आम जनता पानी पानी के लिये मोहताज हो गई है। आलम तो यह है कि सुबह से लेकर देर रात तक हेंड पंप और कुओं पर पानी के लिये कतारें लगी रहती हैं। यही नहीं पानी के लिये कई जगहों पर तो वाद-विवाद की स्थिति भी निर्मित हो रही है, लेकिन लगता है कि क्षेत्रीय विधायक के साथ-साथ छपारा के चुने हुये जनप्रतिनिधियों और नेताओं को इस बात से कोई सरोकार नहीं है।
ज्ञातव्य है कि छपारा नगर में पिछले तीन दिनों से नल जल योजना और फिल्टर प्लांट की बिजली विद्युत विभाग के द्वारा विच्छेदित कर दी गई है। पंचायत और विद्युत विभाग के सूत्रों ने बताया कि ग्राम पंचायत के ऊपर नल जल योजना का नौ लाख अढ़सठ हजार रूपयें का बिल भुगतान बाकी है।
वही पंचायत के सरपंच और सचिव कहना है कि छपारा के नगर वासियांे पर करीब 25 लाख रूपये का नल टैक्स बाकी है और आम जनता द्वारा कई-कई वर्षों से नल टैक्स का बिल भरा नहीं गया है। पंचायत के सरपंच-सचिव पिछले तीन दिनों से नगर में रजिस्टर लेकर घूम-घूम कर वसूली करने में लगे हुए हैं, तथा टैक्स जमा नहीं करने वालों के नल कनेक्शन भी काटे जा रहे हैं। अब सवाल यह है कि ग्राम पंचायत के जिम्मेदार पिछले कई वर्षों से आखिर कर क्या रहे थे? अब जब आग लग ही गई है तो कुआं खोदने में लगे हैं।
नगर में पानी के लिये हालात बद् से बद्तर होते जा रहे हैं। वार्डों के हैंड पंपों और कुओं मंे बाल्टी इत्यादि लेकर आम आदमी पानी के लिये मशक्कत करते नजर आ रहा है, लेकिन भाजपा और कांग्रेस के नाकारा जनप्रतिनिधियों और नेताआंे को इस बात से कोई लेना देना नहीं है। वे तो अपनी दुकानदारी चमकाने और नेताओं की चापलूसी करने मंे ही मगन हैं।
मीडिया में छपारा में पेयजल की समस्या की खबरें सुर्खियों में आने के बाद अब छपारा सरपंच ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर नगर के सभी नल जल उपभोक्ताओं से आग्रह किया है कि वे जल कर की राशि पंचायत मे जमा करें ताकि विद्युत बिल के नौ लाख रूपये का भुगतान किया जा सके और नलजल योजना का संचालन सुचारू रूप से पंचायत के द्वारा किया जा सके। उधर भाजपा और कांग्रेस के किसी भी जनप्रतिनिधियों और नेताओं ने नगर में पानी के भीषण संकट पर कोई पहल करना जरूरी नही समझा है। हां अलबत्ता यह जरूर है कि ये लोग हाथ जोड़े वोट मांगते नजर आ रहे हैं।
यही नहीं पिछलें दिनों मंडला लोकसभा के भाजपा प्रत्याशी फग्गन सिंह कुलस्ते नगर में संपर्क के दौरान पानी की गंभीर समस्या पर उन्होंने न तो आम जनता से कोई बात ही की और न ही कोई पहल भी उन्होंने की। यही हाल मंडला लोकसभा के कांग्रेस प्रत्याशी ओमकार मरकाम के साथ भी है।
मंगलवार को दोपहर चार बजे से छपारा कांग्रेस कार्यालय मे मंडला लोकसभा के कांग्रेस प्रत्याशी और केवलारी विधायक ठा.रजनीश सिंह और ब्लॉक कांग्रेस कमेटी की एक आवश्यक बैठक रखी गई थी लेकिन कार्यकर्ता इंतजार करते करते थक गये और घर जाते जाते गुनगुनाने लगे कि इंतहा हो गई इंतजार की और छः घंटो के लंबे इंतजार के बाद रात दस बजे ओमकार मरकाम और विधायक रजनीश सिंह का काफिला कांग्रेस कार्यालय पहुंचा जहां मुठ्ठी भर कार्यकर्ताओ के बीच बैठक सम्पन्न हुई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस बैठक मे भी सिर्फ और सिर्फ वोटों की राजनीति पर ही चर्चा चलते रही लेकिन किसी ने भी नगर में व्याप्त पानी के भीषण संकट पर चर्चा करना उचित नही समझा। लोगों का कहना है कि अब नगर की जनता भी ऐसे मक्कार और नाकारा नेताओं और जनप्रतिनिधियों से आजिज आ चुकी है और उसने आने वाली 10 तारीख को भारी मतदान कर चुनाव में इन तथा कथित नेताओं को सबक सिखाने की ठान ली है।


पंचायत के उपसरपंच रूनिझा जी से बात हुई थी, उन्होंने बताया है कि व्यवस्था बनाई जा रही है।
श्रीमति पुष्पा रमेश चन्द्र जैन, जिला पंचायत सदस्य.

मुझे कोई जानकारी नहीं थी, आज ही मैंने पंचायत की मुनादी सुनी है। अगर नल जल योजना की लाईट कट गई है तो पंचायत जिम्मेदार है। इसमें किसी राजनीतिक पार्टी का क्या दोष है।
ठा.जयकेश सिंह, ब्लाक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष, छपारा.

हम तो जनता से अपील कर रहे हैं कि पंचायत में टैक्स जमा करें तभी बिजली जुड़ पायेगी और क्या बतायें?
श्रीमती राधा साहू, जनपद सदस्य, छपारा.

समाचार पत्रों मंे पढ़ा, तब मुझे मालूम चला कि पंचायत की बिजली काट दी गई है। अगर कोई नागरिक मेरे पास शिकायत लेकर आता तो मैं कलेक्टर या एस.डी.एम., तहसीलदार या सीईओ से बात करता। मेरे पास कोई शिकायत नहीं आई है।

ठा.धर्मेन्द्र सिंह, भाजपा मण्डल अध्यक्ष, छपारा.

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