नए साल में सिवनी को मिलन कभी न भूलने वाला तोहफा!
एनएचएआई का पीडी नरसिंहपुर कार्यालय बंद
अगले साल बरसात के बाद ही बन पाएगा फोरलेन!
सागर या छिंदवाड़ा से संचालित होगा सिवनी का काम
सीसीएफ सिवनी दबाए बैठे हैं एनएचएआई के नए प्रस्ताव
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली (साई)। नए साल के आगाज के साथ ही उपेक्षा का दंश झेल रहे सिवनी जिले को जनप्रतिनिधियों ने एक नायाब तोहफा दिया है। पहले एनएचएआई के सिवनी परियोजना निदेशक के कार्यालय को बंद करने के उपरांत अब नरसिंहपुर के प्रोजेक्ट डायरेक्टर के कार्यालय को अब बंद कर दिया गया है। एक जनवरी के उपरांत सिवनी को लगभग तीन सौ किलोमीटर दूर स्थित सागर के परियोजना निदेशक कार्यालय के अधीन कर दिया गया है। इतनी दूर से सिवनी के काम की देखरेख अब और दुष्कर ही साबित होगी।
अटल बिहारी बाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल की महात्वाकांक्षी स्वर्णिम चतुर्भज परियोजना के अंग उत्तर दक्षिण फोरलेन गलियारे में मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में फंसे वन एवं पर्यावरण के पेंच को सुलझने में अभी कम से कम तीन माह का समय और लग सकता हैै। बजट के उपरांत अप्रेल माह के प्रथम सप्ताह में लखनादौन से नागपुर के हिस्से पर केंद्र सरकार की नजरें इनायत हो सकती हैं। केंद्रीय मंत्री कमल नाथ स्वयं आकर इसका काम शुरू करा सकते हैं। एनएचएआई का नरसिंहपुर परियोजना निदेशक (पीडी) का कार्यालय शनिवार 31 दिसंबर से अस्तित्व में नहीं रहेगा।
भूतल परिवहन मंत्रालय के भरोसमंद सूत्रों का कहना है कि सिवनी जिले के साथ षणयंत्र का ताना बाना बुना जा रहा है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। पहले सिवनी स्थित परियोजना निदेशक का कार्यलय बंद किया गया और अब आज से नरसिंहपुर पीडी कार्यालय पर अलीगढ़ का ताला लटकाया जा रहा है। नए साल से सिवनी का काम यहां से लगभग तीन सौ किलोमीटर दूर सागर के पीडी आफिस से संचालित होगा। सिवनी को सागर पीडी में मर्ज किया गया है। यह व्यवहारिक न होने के कारण अब विभागीय अधिकारी से छिंदवाड़ा पीडी के अधीन करने के लिए प्रस्ताव बुलवाने की तैयारी में लग गए हैं। छिंदवाड़ा पीडी के पद पर श्री आर्या पदस्थ हैं। अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो आने वाले दिनों में सिवनी का काम छिंदवाड़ा स्थित परियोजना निदेशक के हस्ते संचालित होगा।
सूत्रों ने कहा कि सिवनी के काम के लिए कोई योग्य ठेकेदार (कोई भी काम करने का इच्छुक नहीं है) नहीं मिल पाने से ढाई करोड़ की निविदा दूसरी बार तीन दिन बाद खोली जाएगी। सूत्रों ने आगे बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर परियोजना निदेशक नरसिंहपुर द्वारा वन विभाग मध्य प्रदेश को नया प्रस्ताव भेजा है। इस नए प्रस्ताव में एनएचएआई ने 75 एकड़ वन भूमि के बजाए महज 35 एकड़ वन भूमि की ही मांग की है। प्रस्ताव के बाद यह वन भूमि पांच एकड़ के लगभग और बढ़ने की उम्मीद है। सूत्रों ने कहा कि चालीस एकड़ तक की अनुमति प्रदेश सरकार के हाथ में है, अतः शिवराज सिंह चौहन इसकी अनुमति दे सकते हैं।
सूत्रों ने यह भी कहा कि षणयंत्र के ताने बाने की पुष्टि इससे भी होती है कि बालाघाट जबलपुर के रेल्वे अमान परिवर्तन के लिए सिवनी जिले के वन विभाग द्वारा 20 हेक्टेयर वन भूमि बिना किसी ना नुकुर के रेल्वे को प्रदान कर दी है, पर जब मामला फोरलेन सड़क का आता है तो वन विभाग अपना फच्चर फंसाने में नहीं चूकता है। एनएचएआई के सूत्रों का कहना है कि एनएचएआई के पीडी नरसिंहपुर कार्यालय द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में नया प्रस्ताव बनाकर कभी का मुख्य वन संरक्षक सिवनी को प्रेषित किया जा चुका है। विडम्बना ही कही जाएगी कि सीसीएफ सिवनी इस मामले में कुंडली मारे ही बैठे हैं।
एनएचएआई के सूत्रों ने आगे कहा कि सिवनी से नागपुर की दिशा में वन भूमि के अडंगे के चलते अगर कम जमीन भी वन विभाग द्वारा प्रदाय की जाती है तो एनएचएआई मोहगांव से लेकर खवासा तक के 28 किलोमीटर के भाग पर टू लेन का नया प्रस्ताव तैयार करने में भी देर नहीं लगाएगी। सूत्रों ने कहा कि सिवनी जिले की जनता के साथ हुए अन्याय से केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री सी.पी.जीशी भली भांति आवगत और आहत हैं। केंद्रीय मंत्री जोशी की व्यक्तिगत रूचि के चलते विभागीय अधिकारी अब सिवनी से नागपुर मार्ग में मध्य प्रदेश की सीमा तक हर एंगल से अपने आप को तैयार रखे हुए हैं। सिवनी से जबलपुर मार्ग पर बंजारी वाला मामला भी मंत्री सी.पी.जोशी की विशेष रूचि के चलते निपटने की उम्मीद जताई जा रही है।
एनएचएआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर कहा कि विवादित आठ दशमलव सात किलोमीटर को छोड़कर शेष भाग में काम कल से आरंभ किया जा सकता है, किन्तु इस सबके बीच तत्कालीन जिला कलेक्टर पिरकीपण्डला नरहरि का 18 दिसंबर 2008 को पेड़ों की कटाई न करने का आदेश रोढ़ा बना हुआ है। सूत्रों ने कहा कि मध्य प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष हरवंश सिंह अगर एक बार इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ ही साथ जिला कलेक्टर सिवनी को इस आदेश को निरस्त करने के लिए प्रभावशाली तरीके से सिवनी के निवासियों का पक्ष रखें तो इस आदेश को निरस्त कराया जा सकता है। इस आदेश के निरस्त होते ही 8.7 किलोमीटर को छोड़कर शेष भाग में सिवनी खवासा मार्ग पर ठेकेदार मेसर्स सद्भाव इंजीनियरिंग को तत्काल ही काम आरंभ करवाने के लिए कहा जा सकता है। सूत्रों ने कहा कि भाजपा के विधायक भी इस काम को कर सकते हैं, किन्तु भाजपा विधायकों से उम्मीद बेमानी ही मानी जा सकती है। बताया जाता है कि इसके लिए सद्भाव कंपनी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के एक करीबी ठेकेदार को इसका काम पेटी पर दिया जा चुका है, जिसका बेस केम्प भी नागपुर मार्ग पर स्थित है।
उक्त अधिकारी ने बताया कि बजट के आसपास इस मार्ग की सारी बाधाएं अपने ही आप हट जाएंगीं। मध्य प्रदेश के एक संसद सदस्य (महाकौशल अंचल के नहीं) के विशेष अनुरोध पर भूतल परिवहन मंत्री सी.पी.जोशी इस मामले में जल्द ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से चर्चा कर सीसीएफ सिवनी से प्रस्ताव बुलवाकर इसकी अनुमति दिलाने का आग्रह करने वाले हैं। जैसे ही इस वन भूमि की अनुमति मिलेगी वैसे ही ठेकेदार को मोहगांव से खवासा तक के मार्ग के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि संभवतः दो या तीन अप्रेल को केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री सी.पी.जोशी स्वयं शहरी विकास मंत्री कमल नाथ के साथ सिवनी आकर इस मार्ग के निर्माण का भूमिपूजन कर सकते हैं। सूत्रों ने यह बात साफ कर दी है कि इस पूरे मामले में सिवनी के किसी भी जनप्रतिनिधि की कोई भूमिका नहीं है।
सूत्रों की मानें तो अप्रेल में इसका काम आरंभ करवाने की घोषणा के बाद इसका काम एक बार फिर मंथर गति से ही चलाया जाएगा। अगले साल बारिश के मौसम की समाप्ति पर दीपावली के आसपास इसे पुनः तेज गति से करवाया जाएगा। वर्ष 2013 में होने वाले विधानसभा चुनावों में इसका लाभ लेने के चलते कांग्रेस और भाजपा दोनों ही के द्वारा प्रदेश और नेशनल लेबल पर यह प्रयास किया जा सकता है कि इसका काम चुनावों के एन पहले 2013 की दीपावली तक पूरा हो ताकि लोगों को इसके दर्द के एहसास के साथ ही साथ उस वक्त की चिकनी सड़क का आनंद ताजा रहे।