शुक्रवार, 30 दिसंबर 2011

खाद्य सुरक्षा की आलोचना की धूमिल ने


खाद्य सुरक्षा की आलोचना की धूमिल ने

(आकाश कुमार)

शिमला (साई)। केन्द्र द्वारा लाए गए खाद्य सुरक्षा बिल पर पहले ही असहमति जाहिर करने के बाद शिमला में मुख्यमन्त्री प्रेमकुमार धूमल ने कहा कि बेहतर होता कि केन्द्र खाद्य सुरक्षा का ये विकल्प लाने की वजाए मनरेगा की दिहाड़ी बढ़ा देती। खाद्य सुरक्षा बिल में खामिया गिनाते हुए धूमल का कहना था कि यदि ये बिल पारित हुआ तो किसान फसल उगाना बन्द कर डिपुओं पर सस्ता अनाज लेने पहुंच जाएंगे और देश में भूखमरी फैल जाएगी।
सरकार के चार साल पूरे होने के उपलक्ष्य में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए मुख्यमन्त्री ने प्रदेश में हुए विकास कार्यो को गिनवाया और कहा कि राज्य में कोई भी परिवार ऐसा नहीं है जिसे राज्य सरकार ने किसी न किसी प्रकार से वित्तीय लाभ नहीं पहुंचाया है। मुख्यमन्त्री ने कहा कि तीन सौ करोड़ रूपये की दूध गंगा परियोजना शुरू कर सरकार ने किसानो और बागवानों का विशेष ख्याल रखा है।
इसी प्रकार लगभग 85 करोड़ रूपये की लागत से पुराने सेब के पौधों को बदला जा रहा है। लोगों को मंहगाई से निजात दिलाने के लिए सभीा राशनकार्ड धारकों को तीन दाले, दो खाद्य तेल और नमक सस्ती दरों पर उपलब्ध करवाया जा रहा है।  यहीं नहीं सरकार सभी लोगों को एक सौ 66 करोड़ रूपये का अनुदान देकर सस्ती बिजली उपलब्ध करवा रही है। 

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