शनिवार, 28 जुलाई 2012

रंगारंग ओलंपिक 2012 का आगाज


रंगारंग ओलंपिक 2012 का आगाज

(अभिलाषा जैन)

लंदन (साई)। भारत में जब घडी की सुई रात में एक बजकर 30 मिनट पर पहुंची तब बेहद भव्य, आकर्षक और रंगारंग कार्यक्रमों के साथ आज यहां 30वें ओलंपिक खेल शुरु हो गये। इस खेल महाकुंभ में 204 देशों के लगभग 10,500 खिलाडी अपना सपना साकार करने की कोशिश करेंगे और इनमें वे 81 भारतीय भी शामिल हैं जिन पर एक अरब 20 करोड लोगों की निगाहें टिकी हैं। ओलिंपिक-२०१२ का लंदन में शुभारंभ हो गया है। ओलिंपिक पार्क स्थित मुख्य स्टेडियम में हजारों दर्शकों, खिलाड़ियों, अधिकारियों तथा विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति में तीन घंटे तक रंगारंग उद्घाटन समारोह में भारतीय गींत संगीत की भी धूम रही। समारोह की झलकियों के साथ शिवेन्द्र चतुर्वेदीतीसवें ग्रीष्म कालीन ओलिम्पिक खेल लंदन में एक भव्य उद्घाटन समारोह के साथ शुरू हो चुके हैं। ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ-द्वितीय ने इन खेलों के विधिवत उद्घाटन की घोषणा की।
यह तीसरा मौका है जबकि लंदन में दुनिया के सबसे बडे खेल मेले के लिये खिलाडियों का जमावडा जुटा है। इससे पहले 1908 और 1948 में भी लंदन ओलंपिक की मेजबानी कर चुका है। सत्रह दिन तक चलने वाले खेल महोत्सव की शुरुआत स्टेडियम में लगे बडे घंटे के बजने के साथ स्थानीय समयानुसार रात नौ बजे (भारतीय समयानुसार रात एक बजकर 30 मिनट) पर हुई।
इसके साथ ही लंदन इन खेलों का तीसरी बार आयोजन करने वाला दुनिया का पहला शहर बन गया है। उद्घाटन समारोह में परम्परा के अनुसार ग्रीस मार्च पास्ट में प्रवेश करने वाला पहला देश था। भारतीय दल का नेतृत्व पेइचिंग ओलिम्पिक खेलों के कांस्य पदक विजेता सुशील कुमार ने किया। मेजबान देश ग्रेट ब्रिटेन के खिलाड़ी मार्च पास्ट में सबसे पीछे रहे। अंतर्राष्ट्रीय ओलिम्पिक समिति के अध्यक्ष जैक्स रोगे ने इस अवसर पर तीसरी बार ओलिम्पिक खेलों की मेजबानी के लिए लंदन को मुबारकबाद दी। लंदन ओलिम्पिक खेल आयोजन समिति के अध्यक्ष सैबेस्टियन को ने स्टेडियम में मौजूद एथलीटों का स्वागत किया।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक मुंबई की झुग्गियों को केंद्र में रखकर स्लमडॉग मिलेनियरजैसी आस्कर विजेता फिल्म बनाने वाले डैनी बोएल के निर्देशन में स्टेडियम को उनके विजन हरित और खुशनुमा धरतीके आधार पर तैयार किया गया था। उदघाटन समारोह में ब्रिटेन की कला संस्कृति को आधुनिक अंदाज में पेश किया गया। गायों, घोडों, भेडों से जुडे ग्रामीण परिवेश से लेकर कृत्रिम बादलों की अत्याधुनिक तकनीक भी देखने को मिली।
भारत के प्रख्यात संगीतकार ए. आर. रहमान ने भी उद्घाटन समारोह के दौरान अपने निर्देशन में तैयार पंजाबी धुन का प्रस्तुतिकरण किया।लंदन के पूर्वी छोर पर बनाए गए अत्याधुनिक ओलिम्पिक पार्क में इस अवसर पर हजारों की संख्या में लंदन के सामान्य नागरिक, गणमान्य व्यक्ति, विदेशों से आये पर्यटक और अमरीकी राष्ट्रपति की पत्नी मिशल ओबामा सहित कई देशों के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मौजूद थे।
इसके पहले चार साल पहले बीजिंग ने अपने भव्य उदघाटन समारोह से दुनिया भर के लोगों की आंखे चौंधिया दी थी और अब लंदन ने भी खुद को साबित करने में कोई कसर नहीं छोडी। उदघाटन समारोह का नाम आयल्स आफ वंडररखा गया था तथा इसे स्टेडियम में मौजूद 80 हजार दर्शकों ने देखा। खचाखच भरे स्टेडियम में शाही परिवार के अलावा कई देशों के प्रमुख और दिग्गज हस्तियां 80 हजार दर्शकों में शामिल थे।
ओलंपिक उदघाटन समारोह की शुरुआत टूर डि फ्रांस के पहले ब्रितानी विजेता ब्रैडली विगिन्स ने स्टेडियम में बडे घंटे को बजाकर किया। बच्चों ने गीत गाया जिसके बीच में गांव का क्रिकेट मैच भी देखने को मिला और उसमें पगबाधा की नाकाम अपील भी गयी। इसके बाद 15 मिनट तक दुनिया भर में औद्योगिक और सामाजिक क्रांति में ब्रिटेन की भूमिका को रोचक अंदाज में दिखाया गया। इस बीच लगभग 1000 ड्रम वादक माहौल में रस घोलते रहे। इस हिस्से का एक आकर्षण अग्निचक्र और ओलंपिक के पांच चक्रों का धुएं के साथ जमीन से उपर उठना रहा।
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का स्टेडियम में प्रवेश बडे ही रोमांचक तरीके से पेश किया। इसके लिये पहले से ही फिल्म तैयार की गयी थी जिसमें डेनियल क्रेग यानि जेम्स बांड बर्किघम पैलेस में जाते हैं और महारानी को लेकर हेलीकाप्टर से लंदन के उपर के कुछ खास स्थलों से गुजरकर उन्हें पैराशूट के जरिये स्टेडियम में उतारते हैं।
108 वें देश के तौर पर भारत का नाम पुकारा गया। तब तिरंगा लिए पहलवान सुशील कुमार और पूरा दल दिखा। भारत के दल में महिलाओं ने पीले रंग की साड़ी पहनी थी। पुरुषों ने काले कोट, पीले साफे के साथ नीली टाई भी पहनी। कार्यक्रम के दौरान कई छोटी फिल्में दिखाई गईं जिनमें से एक में ब्रिटेन की महारानी ने श्जेम्स बॉन्डश् के साथ अभिनय किया। फिल्म में जेम्स बॉन्ड का किरदार निभाने वाले अभिनेता डेनियल क्रेग ही ब्रिटेन की महारानी को स्टेडियम में लेकर आते हैं। जहां परंपरा के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के प्रमुख जाक रोखे ने उनका स्वागत किया।
कार्यक्रम में ब्रिटेन की दो बड़ी उपल्बिधियों को दिखाया गया - राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना श्नैश्नल हेल्थ स्कीमश् और बच्चों का साहित्य। साथ ही ब्रिटेन में पिछले पांच दशकों में पॉप संगीत के सफर को भी चर्चित कलाकारों के कार्यक्रमों के जरिए दर्शाया गया। इस फिल्म के समाप्त होते हुए महारानी दर्शकों के सामने अवतरित हुई। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष जाक रोगे ने उनका स्वागत किया। इसके बाद यूनाइटेड किंगडम का राष्ट्रगान बजाया गया।
कला संगीत से जुड़े इस उद्घाटन समारोह में बॉयल कम्प्यूटर वैज्ञानिक सर टिमोथी जॉन, जिन्हें लोग ष्टिम्बलष् के नाम से भी जानते हैं, को जोड़ना भी नहीं भूले जिन्होंने वर्ल्ड वाइड वेब (222) का आविष्कार किया। घ्सा आविष्कार जिसने पूरी दुनिया को जोड़ दिया। उद्घाटन समारोह की शुरूआती खूबसूरती उससे भी कहीं ज्यादा थी जैसी दिन में डेनी और सेबेस्टियन ने बताई थी।
आत्मविश्वास से भरे डेनी के मुताबिक, समारोह की पूरी कहानी तैयार करने में उनके पिता का भी कम योगदान नहीं है जो दुर्याेगवश अब दुनिया में नहीं हैं। इस मलाल के साथ डेनी को इस बात की खुशी भी थी कि पिता ने जो सपना देखा, वह आज उन्हीं के जन्मदिन पर शुरू हो रहे ओलंपिक के साथ पूरा हो रहा है। उनसे लंदन ओलंपिक के उद्घाटन समारोह की तुलना बीजिंग के से करने को कहा गया तो उन्होंने बड़ी साफगोई से कहा कि हम उससे आगे नहीं जा सकते। उनके पास साधन और संसाधन हमसे अधिक हैं।
लंदन के ओलंपिक पार्क स्टेडियम में हुए उद्धाटन समारोह में ब्रिटेन की महारानी ने ओलंपिक 2012 का शुभारंभ किया और कई युवा एथलीटों ने दस्तूर के मुताबिक ओलंपिक ज्वाला को प्रज्वलित किया। चार वर्ष पूर्व बीजिंग में आयोजित ओलंपिक का मुख्य आकर्षण अगर उसकी भव्यता थी तो वर्ष 2012 के लंदन ओलंपिक की खासियत उसकी कहानी थी।
लंदन के ओलंपिक पार्क स्टेडियम में भारतीय समयानुसार शुक्रवार देर रात उद्घाटन समारोह शुरु हुआ और साढ़े तीन घंटे तक शनिवार तड़के तक चला। इस दौरान ब्रितानी संस्कृति की विभिन्न झलकियां दिखाई गईं। सबसे पहले टूर डी फ्रांस प्रतियोगिता के पहले ब्रितानी विजेता ब्रैडली विग्गिन्स ने घंटा बजाकर उद्धाटन समारोह की शुरुआत की। भारत की ओलंपिक टीम उन 204 टीमों में शामिल थी जिन्होंने मार्चपास्ट में हिस्सा लिया - ध्वजवाहक थे सुशील कुमार।
फिर कार्यक्रम शुरू हुआ और स्टेडियम में रोशनी हुई तो एक प्राचीन ब्रितानी गांव और उसमें काम करते ग्रामीण लोग दिखाई दिए। ऐतिहासिक विकास की झांकियों के जरिए औद्योगिक क्रांति के बाद के ब्रिटेन में आए बदलावों को दिखाने की कोशिश की गई। कार्यक्रम में ब्रिटेन की दो बड़ी उपल्बिधियों को दिखाया गया - राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना श्नैश्नल हेल्थ स्कीमश् और बच्चों का साहित्य।
साथ ही ब्रिटेन में पिछले पांच दशकों में पॉप संगीत के सफर को भी चर्चित कलाकारों के कार्यक्रमों के जरिए दर्शाया गया। कार्यक्रम के आखिर में ओलंपिक में भाग लेने वाले देशों का मार्च पास्ट हुआ जिसमें 204 देशों के एथलीटों ने हिस्सा लिया। समारोह संपन्न हुआ ओलंपिक मशाल के प्रज्वलित किए जाने से। लेकिन ये एक मशाल नहीं बल्कि दर्जनों मशालों को सामूहिक तौर पर जलाया गया। इससे पहले लंदन में ओलंपिक खेल दो बार (1908 और 1948) आयोजित हो चुके हैं।
ओलिंपिक तीरंदाजी प्रतियोगिता के रैंकिंग राउंड में कल लंदन में भारतीय पुरूष और महिला रिकर्व तीरंदाजों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। ऐतिहासिक लॉर्ड्स मैदान पर पुरूष टीम १२ टीमों में अंतिम स्थान पर और महिला टीम नौवें स्थान पर रही।अब एलिमिनेशन राउंड में भारत को मजबूत टीमों से मुकाबला करना होगा। पुरूष वर्ग में आज स्वर्ण पदक का फैसला हो जाएगा।
आज पुरूषों के तीरंदाजी टीम मुकाबले में तरूणदीप रॉय, राहुल बैनर्जी और जयंत तालुकदार की तिकड़ी भारतीय चुनौती पेश करेगी। बॉक्सिंग में पेइचिंग ओलिम्पिक खेलों के कांस्य पदक विजेता विजेन्द्र सिंह ७५ किलोग्राम वर्ग में और शिव थापा ५६ किलोग्राम वर्ग के शुरूआती दौर के मुकाबले में उतरेंगे। वेटलिफ्टिंग में सोनिया चानू ४८ किलो वर्ग में तथा बैडमिंटन में ज्वाला गुट्टा और वी दीजू की जोड़ी मिक्स्ड डबल्स में और ज्वाला गुट्टा तथा अश्विनी पोनप्पा की जोड़ी महिला डबल्स के पहले दौर में खेलेगी।

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