अवर्षा से राजस्थान में अकाल के हालात
(शैलेंद्र)
जयपुर (साई)। राजस्थान में अकाल के हालात पैदा हो गए है।
प्रदेश के 33 में से 27 जिलों में हालात
चिंताजनक है। केवल छह जिलों में बुवाई लायक बास्रिश हुई है। अगर अगले एक-दो दिन
में मानसून राजस्थान पर मेहरबान नहीं होता है तो हालात विकट हो जाएंगे। राज्य के
बांधों में पानी की आवक नहीं के बराबर हुई है। इनमें केवल 38 प्रतिशत पानी बचा
है। प्रदेश के बांधों की भराव क्षमता 12,534.8 49 एमक्यूएम है। इनमें 4,88 5.12 एमक्यूएम पानी बचा
है।
विशेषज्ञों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा
कि प्रदेश में अब तक 209.94 मिमी बारिश हो जानी चाहिए थी, लेकिन 138.33 मिमी ही हुई है।
यह 34.11 प्रतिशत
कम है। पिछले साल इस समय तक राज्य में 255.10 मिमी बारिश हो चुकी थी। अकाल के हालात से
जहां किसान और आम आदमी के माथे पर चिंता की लकीरें दिखाई दे रही है वहीं बारिश की
कमी के बाद राज्य में अकाल से निपटने की तैयारियां शुरू हो गई है।
मुख्य सचिव सी.के .मैथ्यू ने सभी जिलों के कलेक्टरों से बारिश
की कमी के बाद की स्थिति की रिपोर्ट अगले दो दिन में भेजने के निर्देश दिए हैं।
साथ ही आपदा प्रबंधन और राहत विभाग एवं कृषि विभाग को भी जमीनी हकीकत बताने के लिए
कहा गया है। मुख्य सचिव ने बताया कि रिपोर्ट आने के बाद कृषि, पेयजल, पशुपालन, चारा डिपो खोलने, चारा परिवहन और
व्यवस्था के लिए राशि की मांग को लेकर केंद्र सरकार को ज्ञापन दिया जाएगा।
इस हेतु कितनी राशि मांगी जाएगी यह अभी तय नहीं है। मैथ्यू ने
बताया कि इस संबंध में गुरुवार को सुनवाई का अधिकार कानून पर होने वाली वीडियो
कॉन्फ्रेंसिंग में भी चर्चा हुई। मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश के 15-16 जिलों में 80 फीसदी से कम बुआई
हुई है। उधर,मुख्यमंत्री
अशोक गहलोत ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्री जयराम नरेश से मनरेगा के तहत 100 दिन का काम पूरा
करने वाले लोगों को 100 दिन अतिरिक्त काम देने की छूट का आग्रह किया। बारिश नहीं होने
से बिजली उत्पादन पर भी असर हुआ है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में दस से बारह
घंटे तक बिजली कटौती हो रही है, वहीं उद्योगों को भी बिजली कटौती का सामना
करना पड़ रहा है।
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