स्पेक्ट्रम की बोली
30 तक बढ़ी
(प्रियंका श्रीवास्तव)
नई दिल्ली (साई)।
दूरसंचार विभाग ने स्पेक्ट्रम के लिए बोली प्रस्तुत करने की अंतिम तारीख दस दिन
बढ़ाकर ३० जुलाई कर दी है। विभाग की विज्ञप्ति में कहा गया है कि अब बीस जुलाई के
स्थान पर तीस जुलाई तक बोलियां प्रस्तुत की जा सकेंगी। नीलामकार एक हजार आठ सौ एम
एच जेड और आठ सौ एम एच जेड बैंड की वायु तरंगों की नीलामी का प्रबंधन करेगा।
विभाग ने पांच करोड़
रूपये का नीलामी शुल्क रखा है। ये राशि बोली प्रक्रिया पूरी होने के बाद विभाग को
मिलने वाले कमीशन के अलावा होगी। पहले, नीलामकारों को बोली में वायु तरंगों के आधार
मूल्य और अंतिम मूल्य के बीच अंतर का एक प्रतिशत मिलता था।
उधर, सरकार ने कल उच्चतम
न्यायालय को बताया कि प्राकृतिक संसाधनों के वितरण के लिए कोई सीधी-सपाट नीति नहीं
हो सकती और केवल नीलामी ही इसका एक मात्र तरीका नहीं हो सकता। महाधिवक्ता जी ई
वाहनवती ने टू-जी स्टेक्ट्रम मामले में राष्ट्रपति द्वारा राय के बारे में दलील
देते हुए यह बात कही।
उन्होंने इस बात से
असहमति व्यक्त की कि पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाये रखने का नीलामी ही एक मात्र
उपाय है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों के वितरण में सबकी भलाई ही
महत्वपूर्ण पहलू होना चाहिए। महाधिवक्ता ने पहले आओ, पहले पाओ की नीति
को असंवैधानिक बताने की राय से भी असहमति व्यक्त की।
उधर सरकारी सूत्रों
ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सरकार उच्चतम न्यायालय द्वारा तय सीमा से
चार दिन पहले यानी 27 अगस्त को
ही दूरसंचार स्पेक्ट्रम नीलामी का अंतिम दस्तावेज जारी करेगी। उच्चतम न्यायालय ने
स्पेक्ट्रम की नीलामी 31 अगस्त तक पूरी करने की समयसीमा तय की है।
माना जा रहा है कि
दूरसंचार विभाग स्पेक्ट्रम नीलामी प्रक्रिया पर जिस तरीके से आगे बढ़ रहा है, उससे वह 31 अगस्त की समयसीमा
का अनुपालन करने की स्थिति में नहीं है। उच्चतम न्यायालय फरवरी में 2जी मोबाइल सेवाओं
के 122 लाइसेंस
रद्द किए थे। लाइसेंसों के रद्द किए जाने की वजह से खाली हुए स्पेक्ट्रम की नीलामी
सरकार को 31 अगस्त तक
करनी है।
उद्योग विश्लेषकों
का कहना है कि स्पेक्ट्रम की नीलामी जल्द से जल्द सितंबर में शुरू हो सकती है।
हालांकि, सरकार ने
अभी इस समयसीमा को बढ़ाने के लिए शीर्ष अदालत से संपर्क नहीं किया है।
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