रातों रात लग गई
मेडम माया की नई प्रतिमा
(दीपांकर श्रीवास्तव)
लखनऊ (साई)। लखनऊ
के अम्बेडकर पार्क परिसर में गुरुवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष एवं
राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की तोड़ी गई मूर्ति को हटाकर उसके स्थान पर नई
मूर्ति लगा दी गई है। जिलाधिकारी अनुराग यादव सहित जिला प्रशासन के कई वरिष्ठ
अधिकारियों की मौजूदगी में गोमतीनगर स्थित अम्बेडकर पार्क में क्षतिग्रस्त मूर्ति
को हटाकर मायावती की एक नई मूर्ति को वहां पर मंगाया गया। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव
की तरफ से क्षतिग्रस्त मूर्ति को तुरंत ठीक कराने के निर्देश दे दिए गए थे।
माना जा रहा है कि
मूर्ति तोड़े जाने के विरोध में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बसपा कार्यकर्ताओं
द्वारा किए गए प्रदर्शन और बसपा के वरिष्ठ नेताओं द्वारा विधानसभा के सामने धरना
देकर 24 घंटे के
अंदर नई मूर्ति स्थापित करने की मांग के दबाव के आगे सरकार ने इतनी तेजी से कारवाई
की। ज्ञातव्य है कि गुरुवार दोपहर खुद को उप्र नविनर्माण सेना का सदस्य बताने वाले
कुछ युवकों ने मायावती की संगमरमर की मूर्ति के धड़ को हथौड़े से तोड़ कर अलग कर दिया
था।
ज्ञातव्य है कि
प्रदेश भर में बीएसपी वर्कर्स के जमकर बवाल के बाद रातोंरात मूर्ति को बदल दिया
गया। दरअसल प्रशासन को मायावती की ठीक उसी तरह की दूसरी मूर्ति मिली गई थी। यह
मूर्ति कहीं और लगवाई जानी थी, लेकिन कानूनी अड़चनों की वजह से यह धूल फांक
रही थी। मायावती की सफेद संगमरमर की मूर्ति गोमतीनगर इलाके में डॉ. भीमराव अंबेडकर
सामाजिक परिवर्तन स्थल के बाहर लगी थी। गुरुवार दोपहर में कुछ युवक वहां आए और
उन्होंने मूर्ति के सिर व हाथ तोड़ दिए। मूर्ति तोड़ने के बाद वे फरार हो गए।
इस घटना से बौखलाए
बीएसपी वर्कर्स ने प्रदेश भर में बवाल किया। कानपुर और फर्रुखाबाद में पुलिस
लाठीचार्ज में 25 लोग घायल
हुए। बुंदेलख़ंड, पूर्वांचल
और अवध समेत कई इलाकों से भी बीएसपी वर्कर्स के विरोध-प्रदर्शन किया। देर शाम
प्रदेश में धारा-144 लागू कर
धरना-प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस वारदात की निंदा
करते हुए कहा कि यह प्रदेश का महौल खराब करने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि दोषी
लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
प्रदेश के पुलिस
महानिदेशक अंबरीष चंद्र शर्मा ने बताया कि इस मामले में तीन लोगों को हिरासत में
लिया गया है। इनमें अर्पित श्रीवास्तव तथा आलोक श्रीवास्तव के अलावा विशाल मिश्र
नामक का व्यक्ति शामिल है, जो एक मीडिया मैनेजमेंट कंपनी का मालिक है। वारदात से ऐन पहले
उसी की कंपनी की मदद से सेना के पदाधिकारियों ने संवाददाता सम्मेलन किया था और उसमें
मायावती की मूर्तियां तोड़ने की चेतावनी दी गई थी।
उधर, मायावती की मूर्ति
का सिर कलम करने वाले संगठन उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना के प्रमुख अमित जानी ने
कहा है कि उसे अपने किए का कोई पछतावा नहीं है। जानी ने यह भी कहा है कि मायावती
तानाशाह हैं। उन्होंने अपनी मूर्तियां लगवाकर प्रदेश के पैसे की बर्बादी की है।
जानी ने कहा है कि उनके संगठन के जिन लोगों ने मायावती की मूर्ति तोड़ी है, वे साधुवाद के
पात्र हैं। अमित जानी ने यह भी कहा है कि वह समाजवादी पार्टी से जुड़ा हुआ है और
लोकसभा चुनाव में टिकट के लिए आवेदन कर चुका है।
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