जनहित में लेने
पड़ते हैं कड़े फैसले: सिंह
(शरद खरे)
नई दिल्ली (साई)।
प्रधानमंत्री ने कहा है कि आम जनता के हितों की रक्षा और देश की अर्थव्यवस्था में
निवेशकों का विश्वास बहाल करने के लिए कड़े फैसले लेने पड़ते हैं। कल शाम राष्ट्र को
संबोधित करते हुये प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने कहा कि यूपीए सरकार आम आदमी
की सरकार है और सरकार की जिम्मेदारी है कि वह राष्ट्रीय हितों की रक्षा करें और
कड़े फैसले लेकर लोगों का भविष्य सुरक्षित बनाये।
हाल ही में लिए गए
सरकार के नीतिगत आर्थिक फैसलों का कारण बताते हुए डॉक्टर सिंह ने कहा कि ये कड़े
फैसले शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, ग्रामीण विकास और
युवाओं को रोजगार मुहैया कराने के लिए आवश्यक राजस्व जुटाने के इरादे से लिए गए।
उन्होंने कहा कि सरकार की ये जिम्मेदारी है कि वो राष्ट्र हित में काम करे और जनता
के भविष्य को सुरक्षित रखें।
पीएम ने कहा कि
इसके लिए हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि हमारी अर्थव्यवस्था का तेजी से विकास हो
जिससे देश के नौजवानों के लिए पर्याप्त संख्या में अच्छे रोजगार के नए मौके पैदा
हो। तेज आर्थिक विकास इसलिए भी जरूरी है कि हम शिक्षा, स्वास्थ्य आवासी
सुविधाओं और ग्रामीण इलाकों में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए जरूरी रकम जुटा सकें।
आर्थिक मंदी से जूझ
रहे अमरीका, चीन और कुछ
यूरोपीय देशों का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत इस वैश्विक संकट के
प्रभाव को सीमित रखने में सफल रहा है। उन्होंने कहा कि राजकोषीय घाटे और मूल्य
वृद्धि पर नियंत्रण के लिए घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों का विश्वास बनाए रखना
जरूरी है।
उन्होंने कहा कि आम
आदमी को फायदा पहुंचाने के लिए हमें आर्थिक विकास की गति को बढ़ाना है। हमें भारी
वित्तीय घाटों से भी बचना होगा ताकि भारत की अर्थव्यवस्था के प्रति विश्वास मजबूत
हो। डीजल की कीमतों में वृद्धि और रसोई गैस के सिलिंडरों की संख्या सीमित करने के
फैसले को उचित ठहराते हुए डॉक्टर सिंह ने कहा कि हम अपनी आवश्यकता का अस्सी
प्रतिशत तेल आयात करते हैं और विश्व बाजार में पिछले चार वर्षों में तेल की कीमतों
में तेजी से वृद्धि हुई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इन बढ़ी हुई कीमतों का बोझ
लोगों पर नहीं डाला गया ताकि उन्हें मुश्किलों का सामना न करना पड़े।
मनमोहन ंिसह ने कहा
कि पेट्रोलियम प्रदार्थों पर दी जाने वाली सब्सिडी में बड़े पैमाने पर इजाफा हुआ
है। पिछले साल ये सब्सिडी एक लाख चालीस हजार करोड़ रुपये थी। अगर हमने कोई कार्रवाई
न की होती, तो इस साल
ये सब्सिडी बढ़कर दो लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा हो जाती। इसके लिए पैसा कहां से
आता।
यह बताते हुए कि
बहुत सारा डीजल अमीर लोग बड़ी कारों और एसयूवी में इस्तेमाल करते हैं, डॉक्टर सिंह ने कहा
कि सरकार इन लोगों को सब्सिडी देकर राजकोषीय घाटा क्यों बढ़ाये। प्रधानमंत्री ने
कहा कि डीजल की कीमत में १७ रुपये की जगह सिर्फ पांच रुपये प्रति लीटर की वृद्धि
की गई जो कि डीजल पर हो रहे नुकसान को कम करने के लिए जरूरी था। उन्होंने कहा कि
पेट्रोल पर करों की दर पांच रुपये प्रति लीटर कम की गई है ताकि स्कूटर और मोटरसाइकिलों
का इस्तेमाल करने वाले करोड़ो मध्यमवर्गीय लोगों को राहत मिल सके।
खुदरा व्यापार में
सीधे विदेशी निवेश को मंजूरी देने के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे
किसानों को फायदा होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य सरकारों को अपने यहां खुदरा
व्यापार में विदेशी निवेश की अनुमति के बारे में फैसला करने का अधिकार है, लेकिन उन्होने आगाह
किया कि किसी एक राज्य को किसी दूसरे राज्य को अपने किसानों, नौजवानों और
उपभोक्ताओं को बेहतर जीवन के अवसर देने से नहीं रोकना चाहिये।
प्रधानमंत्री ने
कहा कि यूपीए सरकार के दो कार्यकाल के दौरान अर्थव्यवस्था में आठ दशमलव दो प्रतिशत
की रिकॉर्ड सालाना वृद्धि हुई। डाक्टर मनमोहन सिंह ने कहा कि उन्हे कड़े फैसले लेने
के लिये जनता का विश्वास चाहिये और लोगों को समझना होगा कि ये फैसले उन्ही के हित
में हैं।
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