शनिवार, 22 दिसंबर 2012

परीक्षा शुल्क मामले में कंप्यूटर सेंटर पर जुर्माना


परीक्षा शुल्क मामले में कंप्यूटर सेंटर पर जुर्माना

(एस.के.खरे)

सिवनी (साई)। फारेस्ट गार्ड परीक्षा का आनलाईन फार्म भरने के लिय्ो परीक्षा व सुविधा शुल्क प्राप्त कर लेने, परन्तु परीक्षा शुल्क फीस बोर्ड को न भिजवाने के कारण आवेदक का परीक्षा प्रवेश पत्र्ा न आने के एक मामले में सेवा प्रदाता को आवेदक को ३ हजार रूपय्ो की नकद क्षतिपूर्ति और परीक्षा शुल्क के रूप में ली गई ३॰॰ रूपय्ो की राशि  १॰ प्रतिशत की ब्य्ााज दर से ब्य्ााज का भुगतान तीन माह के भीतर करना होगा। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम सिवनी के प्रकरण क्रमांक १॰१/२॰१२ में सेवा प्रदाता चहक मोबाईल एन्ड कम्प्य्ाूटर सेन्टर, सोमवारी चौक भैरोगंज के प्रोप्राइटर विरूद्व क्रेता राजेश कुमार पुत्र्ा प्रेम कुमरे निवासी भोमा के प्रकरण पर य्ाह फैसला दिय्ाा गय्ाा है। उपभोक्ता फोरम के अध्य्ाक्ष श्री रवि कुमार नाय्ाक द्वारा क्रेता के पक्ष में य्ाह निर्णय्ा गत ७ दिसंबर को जारी किय्ाा गय्ाा। 
उपभोक्ता हित में लिय्ो गय्ो इस फैसले में मामला कुछ य्ाूं है कि सेवा प्रदाता अपने कम्प्य्ाूटर सेन्टर में शासकीय्ा नौकरिय्ाों के संबंध में ऑनलाईन इंटरनेट के जरिय्ो फार्म व फीस जमा करवाते हैं। आवेदक राजेश ने सेवा प्रदाता के सेन्टर से वनरक्षक भर्ती परीक्षा वर्ष २॰१२ के लिय्ो १६ फरवरी १२ को ऑनलाईन आवेदन भरा था। जिसमें परीक्षा शुल्क २५॰ रूपय्ो और ऑनलाईन सुविधा शुल्क ५॰ रूपय्ो, इस तरह कुल ३॰॰ रूपय्ो सेवा प्रदाता ने आवेदक से प्राप्त कर ऑनलाईन आवेदन फार्म भरा था और उसी दिन उसके साथी सीताराम उइके तथा नितलेश कुमारी के आवेदन-पत्र्ा भी एक साथ भरे थे।                       
सेवा प्रदाता ने आवेदक के उक्त दोनों साथिय्ाों के परीक्षा शुल्क मध्य्ाप्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड भोपाल को भिजवा दिय्ाा, लेकिन आवेदक से लिय्ाा गय्ाा परीक्षा शुल्क बोर्ड को नहीं भिजवाय्ाा, जिस कारण से आवेदक को उक्त परीक्षा का प्रवेश पत्र्ा प्राप्त नहीं हो पाय्ाा है और आवेदक वनरक्षक की परीक्षा में बैठने से वंचित हो गय्ाा। आवेदक ने  उक्त परीक्षा के लिय्ो अछी तैय्ाारी कोचिंग कर की थी जिससे आवेदक का नुकसान हुआ। सेवा प्रदाता ने आवेदक से शुल्क लेकर फार्म तो भरा, लेकिन शुल्क बोर्ड नहीं भेजा। परीक्षा प्रवेश पत्र्ा न आने पर आवेदक ने सेवा प्रदाता से पूछा तो उसने कहा कि तुम्हारी फीस जमा नहीं हो पाई थी, इस कारण प्रवेश-पत्र्ा नहीं आय्ाा। सेवा प्रदाता ने आवेदक को फीस वापस देने का प्रस्ताव दिय्ाा। परन्तु आवेदक ने अधिवक्ता के माध्य्ाम से सेवा प्रदाता को १॰॰॰ रूपय्ो की क्षतिपूर्ति अदा करने का नोटिस भेजा। नोटिस १६ जुलाई को सेवा प्रदाता को प्राप्त हो गय्ाा, परन्तु इसके बावजूद भी सेवा प्रदाता ने कोई जवाब नहीं दिय्ाा, न ही हर्जाने की राशि दी। य्ाहीं नहीं, जब आवेदक ने उपभोक्ता फोरम जाने की कायर््ावाही की, तो सेवा प्रदाता ने आवेदक का ऑनलाईन फार्म भरे जाने से ही असत्य्ा रूप से इंकार कर दिय्ाा, इस प्रकार उसने उपभोक्ता सेवा में भी कमी की। प्रकरण की जांच में य्ाह स्पष्ट हुआ कि सेवा प्रदाता द्वारा आवेदक का परीक्षा शुल्क जमा नहीं कराय्ाा गय्ाा, जिससे आवेदक उक्त परीक्षा में सम्मिलित होने से वंचित हो गय्ाा। आवेदक द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य्ा से भी य्ाह साबित हुआ कि सेवा प्रदाता ने परीक्षा शुल्क की २५॰ रूपय्ो की उसे वापस देने का प्रस्ताव दिय्ाा था।
इस पर उपभोक्ता फोरम ने सेवा प्रदाता को सेवा में की गई कमी से उपभोक्ता आवेदक को हुई असुविधा मानसिक कष्ट और भविष्य्ा की भी संभावित क्षति की पूर्ति के रूप में आवेदक को ३॰॰॰ रूपय्ो नकद एवं आवेदक से ली गई ३॰॰ रूपय्ो की राशि पर य्ाह मामला उपभोक्ता फोरम में प्रस्तुति दि। २७ सितंबर १२ से भुगतान करने की तिथि तक दस प्रतिशत वार्षिक ब्य्ााज की दर से ब्य्ााज का भुगतान करने के आदेश दिय्ो हैं।

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