बुधवार, 27 फ़रवरी 2013

बंग्‍लुरू : पत्नि की पिटाई हो सकती है अगर . . .


पत्नि की पिटाई हो सकती है अगर . . .

(श्वेता यादव)

बंग्लुरू (साई)। पत्नी की पिटाई को जायज ठहराने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के जज के. भक्तवत्सल को उनके पद से हटाने की मांग तेज हो गई है. इससे पहले इसी जज के. भक्तवत्सल ने टिप्पणी की थी कि जिस वकील की शादी नहीं हुई हो, उसे तलाक के मामले में बहस करने का अधिकार नहीं है.
गौरतलब है कि कुछ सप्ताह पहले घरेलू हिंसा से संबंधित एक मामले की सुनवाई करते हुये जस्टिस के. भक्तवत्सल ने पीड़ित महिला के खिलाफ टिप्पणी करते हुये कहा था कि यदि कोई व्यक्ति अपनी पत्नी की सही देखभाल करता है तो हिंसा में कोई बुराई नहीं है. जज का तर्क था कि किसी महिला की शादी में बहुत सारी परेशानियां उठानी पड़ती हैं. इसके अलावा पति उसकी देखभाल भी करता है. ऐसे में घरेलू हिंसा कोई मुद्दा नहीं होना चाहिये.
समाचारों के अनुसार के अनुसार कर्नाटक उच्च न्यायालय में जस्टिस भक्तवत्सला के सामने जब पति-पत्नी की लड़ाई का एक मामला आया थाद्य अपने फैसले में जस्टिस भक्तवत्सला ने पीड़ित पत्नी से कहा, ”हर शादी में ऊंच-नीच होती है और अगर किसी महिला का पति उसके साथ मारपीट करता है तो उसे इसकी शिकायत नहीं करनी चाहिए, क्योंकि वो उसका आजीवन देखभाल भी करता हैद्य आपके पति अच्छा-खासा कमा रहे हैंद्यइतना ही नहीं आगे उन्होंने यह भी कहा था कि महिला को अपने घर की सुख-शांति और अपने दो बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए पति के व्यवहार से समझौता कर लेना चाहिएद्य
उनकी टिप्पणियों को महिला विरोधी बताते हुये उन्हें पद से हटाने की मांग की जा रही है. वकीलों ने भी जज के बयान को लापरवाह बयान बताया है।। इधर विवादित टिप्पणियों को लेकर मचे हंगामे के बाद जज के. भक्तवत्सल से परिवार अदालत के सभी मामले वापस ले लिए हैं। इनमें बच्चों के संरक्षण से जुड़े विवाद भी शामिल हैं।
जस्टिस भक्तवत्सल इससे पहले भी अपनी टिप्पणी को लेकर विवादों में घिर चुके हैं। उन्होंने एक वैवाहिक विवाद के मामले में बहस कर रही एक अविवाहित महिला वकील को भी अपना काम करने से रोक दिया थाद्य उन्होंने उस महिला वकील से कहा कि, ”वे इस तरह के मामले पर बहस करने या अपनी राय देने के लायक नहीं हैं क्योंकि वो खुद अविवाहित हैंद्य शादीकोई सार्वजनिक यातायात प्रणाली नहीं है जिस पर हर कोई आकर सवार हो जाएद्य
हालांकि मौखिक टिप्पणी को लेकर मीडिया में आई खबरों पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने कहा था, ‘मैंने पत्नी की पिटाई करने की इजाजत नहीं दी है। मैंने ऐसी चीजों को कभी सही नहीं ठहराया। परिवारों को बचाने के लिए मैंने अपने प्रयास किए। मैंने दंपतियों से अपना अतीत भूलकर शांति से रहने के लिए कहा, लेकिन खबरें दूसरी तरह से प्रकाशित की गई।

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