ओर जम गया कमीशनरी पर किसानों का आंदोलन
(सचिन धीमान)
मेरठ (साई)। राष्ट्रीय किसान मजदूर
संगठन के बैनर तले हजारों किसान वीएम सिंह के आहवान के बाद मंगलवार से मेरठ स्थित
कमीशनरी चौहरे पर चौ. चरण सिंह पार्क में पहुंुचने शुरू हो गये है और विभिन्न
जत्थों में किसानों का विभिन्न जनपदों से आना देखने को मिल रहा है। धरना स्थल पर
मुजफ्फरनगर, मेरठ, बिजनौर, हापुड, गाजियाबाद, मुरादाबाद, गजरौला, पीलीभीत, बरेली, सीतापुर, रामपुर, लखीमपुर खीरी, पलिया, शामली, बागपत, सहारनपुर आदि जनपदों से विभिन्न जनपद से किसान विभिन्न जत्थों में चौधरी
चरण सिंह पार्क पर पहुंच रहे है। जहां धरने के पहले दिन महाराणा प्रताप के
चौबीसवें वंशज लोकेन्द्र कालवी, माठ विधायक श्याम सुंदर शर्मा, समाज सेविका अनिला सिंह, मौजूद रही वहीं पूर्व थल सेनाध्यक्ष
वीके सिंह ने भी किसानों के हितों की बात करते हुए जमकर हुंकार भरी। आज भी किसानों
को विभिन्न हस्तियों ने सम्बोधित किया। धरने के दूसरे दिन मेरठ कमीशनरी के पार्क
में किसानों का जमघट फिर लगना शुरू हो गया है। हालांकि रात को धरना स्थल पर ही
लगभग पांच हजार किसान भीषण ठण्ड के बावजूद धरना स्थल पर ही डटे रहे। आज आसपास के
क्षेत्र से भी किसानों ने अनिश्चितकालीन धरने की खबर सुनकर पहुंचना शुरू कर दिया
है। कल रात प्रशासन के साथ वार्ता विफल हो जाने पर किसानों ने अनिश्चित कालीन धरने
का ऐलान कर दिया। वीएम सिंह का कहना है कि वह तब तक धरनास्थल से बाहर नहीं
जायंेेगे जब तक की अदालत द्वारा दिये गये दोनों आदेशों की तामिल उत्तर प्रदेश
सरकार कराकर किसानों को सात सौ करोड से अधिक पैसा नहीं दिलवा देती। रात में
पुलिसिया व्यवहार को लेकर भी किसानों में आक्रोष दिखायी दिया। वहीं बिना किसी
चेतावनी के धरना स्थल पर प्रशासन द्वारा फोगिंग कराने से भी किसानों में आक्रोष
रहा। उल्लेखनीय है कि किसानों को परेशान करने की नियत से प्रशासन ने अचानक ही धरना
स्थल पर बडी तेजी के साथ फोगिंग करायी जिससे धुंए के कारण बुजुर्ग किसानों को दम
घुटने की शिकायत आंखों से पानी आने की तकलीफ और खांसी बनी रही। उस वक्त मंच पर
सरदार वीएम सिंह, विकास बालियान, डा. मेजर हिमांशु समेत सेंकडों किसाना मौजूद थें पुलिस व प्रशासन के इस
रवैये से किसानों में आक्रोष रहा। भीषण ठंड होने के बावजूद कुछ किसान जहां टेंटों
के अंदर सौ गये वहीं सैंकडों किसान ट्रक्टर ट्रॉलियां व अन्य जगहों पर खुले आसमान
में सोये। हालांकि किसानों ने एक स्थान पर अलाव की व्यवस्था भी कर रखी थी। कुछ
किसान जहां तांस खेलकर अपना समय काट रहे थे वहीं कुछ हुक्के गुडगुडाते भी नजर आये।
किसानों के मनोरंज के लिए जहां रागनियों का कार्यक्रम चला वहीं राष्ट्रीय किसान
मजदूर संगठनों के विभिन्न आंदोलनों की छलकियां भी बडे परदे पर प्रोजक्टर के माध्यम
से दिखायी गयी।
सुबह किसानों को दिशा शौच के लिए जगह कम
पडी और परेशानी हुई। संगठन ने खाने की व्यवस्था की जिम्मेदारी विभिन्न गांवों को
दे रखी है। देखने में आया कि कई गांवों से आयी टैªक्टर ट्रालियों में बडी संख्या में खाना
भी आया हुआ था। आज भी जहां मंच से भाषणों का दौर जारी रहा वहीं वक्ताओं ने मांग
पूरी न होने तक धरनास्थल पर ही डटे रहने का संकल्प दोहराया। राष्ट्रीय किसान मजदूर
संगठन के सूत्रों की माने तो शीघ्र ही अन्ना हजारे, स्वामी रामदेव, जल पुरूष राजेन्द्र सिंह, फिल्म कलाकार मंगल ढिल्लों के साथ साथ
नाट्य संस्थाओं से जुडे कलाकार भी किसानों को समर्थन देने व उनका हौंसला अफजाई के
लिए आने वाले दिनों में आने का कार्यक्रम बना चुके है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें