एससी एसटी सीट निर्धारण विधेयक पेश
(महेश)
नई दिल्ली (साई)। २०११ की जनगणना के
आधार पर लोकसभा और विधानसभाओं में अनुसूचित जातियों और जनजातियों की सीटों के
निर्धारण के लिए एक विधेयक कल राज्य सभा में पेश किया गया। संसद और विधान सभाओं
में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जन जातियों के प्रतिनिधत्व का निर्धारण
विधेयक-२०१३ कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने पेश किया। यह विधेयक इस वर्ष ३० जनवरी
को जारी किये गये अध्यादेश का स्थान लेगा।
उच्चतम न्यायालय के १० जनवरी २००२ के
निर्णय के आधार पर जारी इस अध्यादेश में चुनाव आयुक्त को अधिकार दिया गया है कि वे
जनगणना आयुक्त के अनुमानित संशोधित जनसंख्या आंकड़ों के आधार पर अनुसूचित जातियों
और जनजातियों की सीटों का निर्धारण कर सकते हैं।
उधर, संसदीय कार्य मंत्रालय के करीबी सूत्रों
ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि यूपीए अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी के
नेतृत्व वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद ने अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति अधिनियम
के अंतर्गत मामलों की सुनवाई के लिए विशेष फास्ट ट्रेक अदालतें बनाने की सिफारिश
की है। इन अदालतों में सरकारी अधिकारियों द्वारा जानबूझकर की गई अनदेखी के मामलों
की भी सुनवाई होगी। परिषद ने यह सुझाव भी दिया कि दलितों और जनजातीय लोगों को पूजा
स्थलों पर जाने से रोकने, उनका सामाजिक बहिष्कार करने जैसे कृत्यों को दंडनीय अपराध बनाया जाना
चाहिए। कल नई दिल्ली में परिषद की बैठक में दलितों से संबंधित कार्य दल के
प्रस्तावों पर विचार किया गया। इस दल का गठन अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति
(अत्याचार निवारण) अधिनियम में संशोधन के मुद्दे पर विचार करने के लिए किया गया
था।
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