उर्जा मंत्रालय कर रहा सांसदों के
प्रोटोकाल की अनदेखी
(आशीष सेठी)
मंदसौर (साई)। मध्यप्रदेश के कांग्रेसी
सांसद अक्सर प्रदेश की भाजपा सरकार पर ये आरोप चस्पा करते है कि सरकार द्वारा
उन्हें प्रदत्त प्रोटोकाल की अवहेलना की जाती है ! अपून की सांसद मीनाक्षी मेडम से
लेकर भूरियाजी ओर प्रेमचन्द गुड्डू जैसे सांसद भी प्रोटोकाल को लेकर अपने जिलों के
कलेक्टरों से आमने सामने होते ओर बयानबाजी करते नजर आये है ! पर, केन्द्र की यूपीए सरकार ही अपने ही
सांसदों के साथ ऐसा ही व्यवहार करती नजर आये तो उसे क्या कहा जाए ! केन्द्रीय
ऊर्जा मंत्री सिंधियाजी के ऊर्जा मंत्रालय की ओर से मंदसौर/नीमच जिले की ग्रामीण
विद्युतीकरण योजना के शुभारंभ के अखबारों में जो विज्ञापन जारी किये गये ओर जो
निमंत्रण बांटे गये उसमें कहीं भी स्थानीय सांसद अपून की मीनाक्षी मेडम का नाम का
उल्लेख नहीं है ! नीमच कलेक्टर पर तो कांग्रेसी इसलिए भड़क गये थे ओर सड़कों पर उतर
आये थे कि उन्हांेने उनकी सांसद को मिलने वाले प्रोटोकाल की अवहेलना की थी! अब
चूंकि मामला सिंधियाजी के ही मंत्रालय से जुड़ा है तो इसका क्या मतलब निकाला जाए !
क्यों मीनाक्षी मेडम को विज्ञापनों/ निमंत्रण कार्ड से गायब किया गया कोई समझ नहीं
पा रहा है ! शायद ये ही है ऊंचे लोगों की ऊंची राजनीति !
कांग्रेस में ऐसे निर्देश है कि किसी भी
नेता को महिमामंडित न किया जाये ! उन्हंे सार्वजनिक रूप से राजा/महाराजा अथवा
श्रीमंत कहने से परहेज किया जाए! पर, मंदसौर संसदीय क्षेत्र के सिंधियाजी के
इस दौरे में तमाम नेताओं ने उन्हें श्रीमंत कहकर पुकारना ही पंसद किया ओर समाचार/
विज्ञापनों में भी उन्हें श्रीमंत ही बताया गया! पर, श्रीमंत के नीमच के एक खास दरबारी तो एक
कदम ओर आगे बढ़ते नजर आये ! इन नेताजी ने श्रीमंत की शान में जो विज्ञापन अखबारों
में छपाया उसकी एक लाईन की कांग्रेसजनों में जमकर चर्चा हो रही है ओर एक दुसरे से
उसका मतलब जानने की कोशिशे की जा रही है ! नीमच के नेताजी के विज्ञापन में श्रीमंत
को सन आफ इण्डिया बताया गया है ! सन का मतलब बेटे से निकालो तो भारत का बेटा हुआ
ओर सन का मतलब सूर्य से निकालो तो भारत का सूर्य हुआ ! कांग्रेसी इस विज्ञापन की
शब्दावली को लेकर कह रहे है कि श्रीमंत यदि भारत के सूर्य है तो फिर कांग्रेस के
युवराज राहुल बाबा क्या चन्द्रमा है या फिर छोटे मोटे कोई तारे /सितारे ! कुछ लोग
कह रहे है, नीमच के नेताजी ने श्रीमंत की चापलुसी की पराकाðा करते हुवे उनके आगे राहुल बाबा को
बोना बनाने की सोची समझी साजिश की है !
कांग्रेस कार्यकर्ता या फिर विज्ञापन
छपाने वाले नेताजी के विरोधी उनकी चापलुसी के बारे में कुछ भी भड़ांस निकाले पर, हकीकत तो ये है कि उनकी चापलुसी श्रीमंत
के सिर पर जा बैठी ओर श्रीमंत ने भी तत्काल उन्हें इनाम से नवाज दिया ओर अपने साथ
ही हेलीकाप्टर में बिठाकर उन्हें ले उड़े ! लोग कह रहे है, इनाम हेलीकाप्टर में बिठाने तक का ही
नही है अब तो ये भी मान लिया जाना चाहिए कि उम्मीदवारी की रसीद उनकी कट गई है !
राजा महाराजा अपने दरबारियों को जब भी खुश होकर इनाम देते है तो ऐसे ही देते है !
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