बीपीएल की सूची में
घालमेल
(राजकुमार अग्रवाल)
कैथल (साई)। जिला
कैथल में बीपीएल सूचि में से काटे नाम
काटनो में उनको भी नहीं बख्शा गया जो एक एक दाने को मोहताज है। उल्लेखनीय यह है कि
कैथल में दो दो बार बीपीएल की सूचि तैयार की गई। इस सूची में कभी नाम जोड़े जाते है
और कभी काट दिए जाते है और अब जो नई सूची बनाई गई है। उसमें से बहुत अधिक नाम काटे
गए है और जिनसे बीपीएल की सूची द्वारा बने गए राशनों पर लिए गए राशन की रिक्वरी के
भी आदेश दिए गए है। जिला प्रशासन इसको हाई कोर्ट के आदेश के तहत की गई कार्यवाही
बता रहा है। परन्तु क्या जिला प्रशासन के अधिकारी लोकप्रिय नेता, लोकनिर्माण मंत्री
रणदीप सिंह सुरजेवाला की छवि को खराब करने का नाटक रचा जा रहा है। क्योंकि गरीब
व्यक्तियों से जब रिक्वरी की जाएगी तो इसमें यहां के इस विधायक का नाम उछाला
जाएगा। जिससे इसकी छवि खराब होगी। परन्तु उन अधिकारियों ने बीपीएल की सूचि में से
ऐसे लोगों को भी नहीं बक्शा जो अपनी दो वक्त की रोटी बड़ी मुश्किल से चला रहे है।
इतना ही नहीं इन लोगों ने विधवा महिलाओं को भी नहीं बक्शा। एक महिला जनक देवी ने
बताया कि वह एक विधवा महिला है। उसके कोई भी पुत्र नहीं है और लड़कियां भी शादियों
के बाद चली गई है। वह अपने घर पर अकेली है। वह अपना गुजारा जैसे तैसे झूठे बर्तन
साफ करके कर रही है। परन्तु उसका नाम भी बीपीएल की सूचि में से काट दिया गया है।
एक अन्य विधवा महिला ने भी अपनी दुखभरी दास्तां बताते हुए कहा कि वह अकेली है और अपनी
विधवा पेंशन से ही अपना गुजारा चला रही है। कई बार तो उसको भूखे ही सोना पड़ता है।
परन्तु उसका नाम भी इस सूचि में से काट दिया गया। अन्य लोग प्रदीप, रामकुमार, बीरकुमार, सतीश, संदीप, जयभगवान, नरेंद्र, कृष्ण आदि सैकड़ों
लोगों ने कहा कि गरीबी का जीवन व्यतीत करने के बाद भी बेवजह उनका नाम काट दिया गया
है जबकि वे सर्वे में भी शामिल होकर अपनी सारी पहचान करवा चुके थे। उन्होंने यह भी
आरोप लगाया कि जिला जींद में एक भी व्यक्ति का नाम बीपीएल सूचि में से नहीं कटा ।
क्या वहां पर हाई कोर्ट के आदेश नहीं है। उक्त सभी लोगों ने जन प्रिय नेता रणदीप
सिंह सुरजेवाला से बीपीएल की सूचि पहल की तरह ही ज्यों की त्यों रखने की अपील की
है, ताकि गरीब
व्यक्ति सरकार द्वारा चलाई गई इस सुविधा का नाम उठा सके। इस बारे में जब फोन पर
अतिरिक्त उपायुक्त दिनेश यादव से बात करनी चाही तो उनसे सम्पर्क नहीं हो पाया।
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