एचआईवी मामले में
जागृत हुआ देश
(महेश)
नई दिल्ली (साई)।
एचआईवी एड्स के मामले में भारत मे जनजागरूकता में बढ़ोत्तरी हुई है, कम से कम सरकारी
दावे तो यही कह रहे हैं। सरकारी आंकड़ों पर अगर गौर फरमाया जाए तो दस सालों में
एड्स के मामलों में लगभग तेरह लाख की कमी दर्ज की गई है। सरकार ने बताया कि विश्व
के अन्य देशों की तुलना में भारत में एचआईवी संक्रमण के मामलों में कमी दर्ज की
गयी है।
स्वास्थ्य और
परिवार कल्याण राज्य मंत्री एस गांधी सेल्वन ने राज्यसभा को यह जानकारी दी।
उन्होंने 2012 तक ‘‘एचआईवी
सेन्टीनल सर्विलान्स’’ से मिले आंकडों का हवाला देते हुए कहा कि नवीनतम एचआईवी
अनुमान से पता चलता है कि देश में एचआईवी पीडित रोगियों की संख्या वर्ष 2001 में
23.5 लाख थी जो वर्ष 2011 में घट कर 20.9 लाख हो गई है। उन्होंने बताया कि एड्स
महामारी 2012 पर यूएनएआईडीएस की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में
एचआईवी पीडित रोगियों की संख्या वर्ष 2001 में 294 लाख थी जो 2011 में बढ कर 340
लाख हो गई।
गांधी सेल्वन ने डॉ
वाई पी त्रिवेदी के प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि एकीकृत परामर्श एवं
परीक्षण केंद्रों के माध्यम से एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों का पता लगाया जाता है।
उन्होंने कहा कि जनवरी 2013 तक सर्वाधिक 48,338 एचआईवी संक्रमित रोगी आंध्रप्रदेश
में पाए गए। महाराष्ट्र में ऐसे 45,625 रोगी, कर्नाटक में 30,051 रोगी, तमिलनाडु में 12,323
रोगी और उत्तरप्रदेश में ऐसे 11,211 रोगियों का पता चला। वर्ष 2011 - 2012 में
आंध्रप्रदेश में ऐसे 65,060 रोगी, महाराष्ट्र में 57,035 रोगी, कर्नाटक में 41,643
रोगी, तमिलनाडु
में 21,562 रोगी और उत्तर प्रदेश में 14,741 रोगी थे।
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