काटजू ने की मीडिया
पर परोक्ष लगाम की सिफारिश
(शरद)
नई दिल्ली (साई)।
देश में मीडिया को वास्तव में मीडिया (एक मायने में दलाली का माध्यम) बनाने के
खिलाफ प्रेस परिषद के अध्यक्ष मार्कण्डेय काटजू ने कुछ कदम उठाए हैं। सोशल मीडिया
पर काटजू के इस कदम का विरोध होना आरंभ हो गया है। काटजू ने उचित योग्यता के अभाव
की वजह से देश में खबरों की गुणवत्ता प्रभावित होने की बात कहते हुए भारतीय प्रेस
परिषद (पीसीआई) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मार्कण्डेय काटजू ने पत्रकार
बनने के लिए जरूरी न्यूनतम योग्यता की सिफारिश करने के लिए एक समिति गठित की है।
पीसीआई के सदस्य
श्रवण गर्ग और राजीव सबादे के अलावा पुणे विश्वविद्यालय के संचार एवं पत्रकारिता
विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. उज्ज्वला बर्वे को समिति में शामिल किया गया है।
पीसीआई अध्यक्ष ने यहां जारी एक बयान में कहा कि पिछले कुछ समय से यह महसूस किया
जा रहा था कि पत्रकारिता के पेशे में आने के लिए कुछ न्यूनतम योग्यता तय होनी
चाहिए।
काटजू ने कहा, वकालत के पेशे में
एलएलबी की डिग्री के साथ बार काउंसिल में पंजीकरण जरूरी होता है। इसी तरह मेडिकल
पेशे में एमबीबीएस होना जरूरी योग्यता है और साथ में मेडिकल काउंसिल में पंजीकरण
भी कराना होता है। उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ने कहा कि शिक्षक बनने के
लिए भी शैक्षणिक प्रशिक्षण प्रमाण पत्र या डिग्री जरूरी होती है। बाकी पेशे में भी
कुछ ऐसा ही होता है,
लेकिन पत्रकारिता के पेशे में प्रवेश के लिए कोई योग्यता तय
नहीं है।
इसके विरोध में यह
दलील दी जा रही है कि सबसे पहले चुनाव लड़ने के लिए विधायक और सांसदों की आचार
संहित का पुर्न अवलोकन होना चाहिए। अपराधी को चुनाव लड़ने से रोकने, लंबे समय से चल रहे
या घिसट रहे मामलों में आरोपियों को चुनाव लड़ने से रोकने और चुनाव लड़ने के लिए
न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता का निर्धारिण पहले किया जाना चाहिए।
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