गुरुवार, 11 अप्रैल 2013

पासवर्ड होने जा रहा है बीते जमाने का


पासवर्ड होने जा रहा है बीते जमाने का

(यशवंत)

वाशिंग्टन डीसी (साई)। संचार क्रांति के युग में अब नित नए नए अविष्कार और चीजें सामने आ रही हैं। इंटरनेट फ्रेंडली लोगों के लिए अब पासवर्ड याद रखने की झंझट समाप्त होने वाली है। आने वाले वक्त में आपको पासवर्ड याद रखने और बार-बार उन्हें टाइप करने के झंझट से आजादी मिल जाएगी।
कहा जा रहा है कि आने वाले समय में आपको बस सोचना भर होगा और पासवर्ड खुद आकर एक्सेप्ट कर लिया जाएगा। यह सब मुमकिन होगा एक नए वायरलेस हेडसेट के जरिए जिसे रिसर्चर डिवेलप कर चुके हैं। यह डिवाइस बनाई है कैलिफॉर्निया यूनिवर्सिटी के बर्कले स्कूल ऑफ इंफर्मेशन के रिसर्चरों ने। इसकी खासियत यही है कि इसमें पासवर्ड की जगह ब्रेनवेव से प्रमाणिकता पूछी जाती है। इसमें लगी बायो सेंसर टेक्नॉलजी ब्रेनवेव को माप सकती है। इसी के दम पर रिसर्चर पासवर्ड की जगह श्पासथॉट्सश् को हकीकत बना रहे हैं।
वेबसाइट मेशेबल के मुताबिक, 100 डॉलर वाला यह हेडसेट वायरलेस है और ब्लूटूथ के जरिए कंप्यूटर से कनेक्ट होता है। डिवाइस में लगे सेंसर यूजर के माथे के संपर्क में होते हैं और इससे वह दिमाग के इलेक्ट्रॉइनसेफलोग्राम (ईईजी) सिग्नल उपलब्ध कराता है। न्यूरोस्काई माइंडसेट दिखने में किसी आम ब्लूटूथ डिवाइस की तरह है पर काम एकदम हटकर करता है। गजब की बात तो यह है कि आपके किसी दूसरे के दिमाग के वेव्स को कंप्यूटर एक्सेप्ट नहीं करेगा क्योंकि हर किसी के ब्रेन वेव्स अलग होते हैं।

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