एक साथ ली फीस तो
खैर नहीं!
(रोशनी भार्गव)
नई दिल्ली (साई)।
निजी तौर पर संचालित शालाओं द्वारा अगर एक कई महीनों की फीस ली गई तो उनकी खैर
नहीं। दिल्ली उच्च न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि प्राइवेट स्कूल एक बार में एक
महीने से अधिक फीस नहीं ले सकते। न्यायमूर्ति वाल्मिकी मेहता ने कहा कि अभिभावकों
को तिमाही, छमाही या
वार्षिक आधार पर फीस देने के लिए स्कूल बाध्य नहीं कर सकते।
उन्होंने ये भी कहा
कि अभिभावकों को हर महीने की दस तारीख तक स्कूल की फीस जमा कराने की सुविधा होनी
चाहिए, जो दिल्ली
स्कूल शिक्षा नियमों के अनुसार है। अभिभावकों ने न्यायालय के आदेश का स्वागत किया
है, लेकिन
स्कूल अधिकारियों ने निराशा व्यक्त की है और कहा है कि हर महीने फीस इक्ट्ठी करने
से परेशानी होगी।
उच्च न्यायालय कुछ
अभिभावकों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इन लोगों के बच्चे राष्ट्रीय
राजधानी के स्कूल में पढ़ रहे हैं। इन अभिभावकों ने तिमाही फीस लेने की स्कूल की
व्यवस्था से राहत मांगी थी।
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