गुरुवार, 11 अप्रैल 2013

अतिमहत्वपूर्ण दौरे पर पीएम पहूंचे बर्लिन


अतिमहत्वपूर्ण दौरे पर पीएम पहूंचे बर्लिन

(टी.विश्वनाथ)

बर्लिन (साई)। भारत के वजीरे आजम डॉ.मनमोहन सिंह एक विशेष और महत्वपूर्ण यात्रा पर जर्मनी पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जर्मनी की तीन दिन की यात्रा पर कल शाम बर्लिन पहुंचे। यात्रा के दौरान वे जर्मनी के नेताओं के साथ व्यापार और आर्थिक मुद्दों पर मुख्य रुप से चर्चा करेंगे। डॉ मनमोहन अंतर-सरकार बातचीत  के दूसरे दौर की अध्यक्षता करेंगे। जर्मनी की चांसलर एंगला मारकल भी इस बातचीत में शामिल होंगी।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो ने बताया कि एशिया में केवल दो देशों- चीन और इजराइल के साथ जर्मनी की यह व्यवस्था है। प्रधानमंत्री की यह यात्रा इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि भारत ने यूरोपीय संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौता करने के लिए प्रयास तेज कर दिए है। जर्मनी २७ देशों के यूरोपीय संघ का एक प्रमुख सदस्य है और वह यूरोप में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक सहयोगी है।
प्रधानमंत्री के करीबी सूत्रों ने साई न्यूज को बताया कि प्रधानमंत्री अपनी इस यात्रा के दौरान जर्मन नेताओं को इस बात की भी जानकारी देंगे कि आर्थिक सुधारों और निवेश को बढ़ावा देने के लिए नई दिल्ली द्वारा क्या-क्या प्रयास किए गए हैं। प्रधानमंत्री के साथ उनके मंत्रिमंडल के पांच वरिष्ठ सहयोगी और राष्ट्रीय सुरक्षा सहलाकार भी बर्लिन आए हैं। प्रधानमंत्री का कल जर्मनी की चांसलर एंगला मारकल द्वारा औपचारिक स्वागत किया जाएगा। डॉ मनमोहन सिंह की पिछले तीन वर्षाे में यह जर्मनी की दूसरी यात्रा है।
वहीं डॉक्टर मनमोहन सिंह का आज सुबह जर्मन फेडरल चांसलरी में पंरपरागत रुप से स्वागत किया जाएगा। बाद में वे जर्मन चांसलर के साथ अंतर-सरकार बातचीत की संयुक्त रुप से अध्यक्षता करेंगे। शाम को वे झ्जर्मनी में भारत के दिनश् नामक प्रदर्शनी का समापन करेंगे। भारत और जर्मनी दोनों देश राजनयिक संबंध स्थापित होने की सांठवी जयंती मना रहे है। डॉक्टर मनमोहन सिंह १२ अपै्रल को स्वदेश रवाना होने से पहले जर्मनी के राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे।
वैसे कल शाम प्रधानमंत्री के पहुंचने पर भारत के राजदूत सुजाता सिंह और जर्मनी के प्रोटोकॉल प्रमुख जोरगन क्रिस्चियन मरटेंट्स ने टेगेल सैनिक हवाई अड्डे पर उनकी आगवानी की। हवाईअड्डे पर उनके सम्मान में गार्ड आफ आनर दिया गया। डॉक्टर मनमोहन सिंह की चांसलर एंगला मारकल के निमंत्रण पर जर्मनी की यह दूसरी यात्रा है।

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