रविवार, 25 दिसंबर 2011


बजट तक शायद चलें मनमोहन . . . 60

मनमोहन के लिए परेशानी का सबब बना त्रिफला

मनमोहन के प्यारे मंत्री ही बो रहे मार्ग में शूल



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह के लिए परेशानी का सबब उनके अपने चहेते मंत्री ही बनते जा रहे हैं। कांग्रेसनीत केंद्र सरकार में तीन मंत्रियों का त्रिफला आज भी अपनी हेकड़ी में ही है। इन मंत्रियों की हेकड़ी के कारण मनमोहन सिंह की छवि काफी हद तक प्रभावित हो रही है। इनके रूखे और कथित हेकड़ी पूर्ण व्यवहार के चलते मनमोहन सरकार सदा ही कांग्रेस के एक धड़े और विपक्ष के निशाने पर रही है। अब तो इनके साथ समाजसेवी अण्णा हजारे भी जुड़ चुके हैं।
सत्ता के गलियारों में चल रही चर्चाओं के अनुसार पलनिअप्पम चिदम्बरम, कपिल सिब्बल और आनंद शर्मा के त्रिफला ने मनमोहन सरकार की नाक में दम कर रखा है। इन तीनों की भाव भंगिमाओं और बोल वचन के चलते कांग्रेस में ही इनका खासा विरोध होने लगा है। कांग्रेस के अलावा विपक्ष इन्हें आड़े हाथों ले रहा है। बाबा रामदेव प्रकरण से कपिल सिब्बल की विश्वसनीयता प्रभावित हुई है।
कांग्रेस के अंदर अब यह चर्चा चलने लगी है कि अगर कोई विधेयक पारित करवाना हो तो इन तीनों मंत्रियों को उससे कोसों दूर रखा जाए वरना विपक्ष भड़क जाएगा और बिल संसद की सीढ़ियां भी नहीं चढ़ पाएगा। इन तीनों की हरकतों से सरकार और कांग्रेस को भी जनता के आक्रोश का सामना कई बार करना पड़ा है। पीएमओ के सूत्रों का कहना है कि मनमोहन पर अब यह दबाव बनने लगा है कि वे अपने प्यारे इस त्रिफला को कुछ समय के लिए पार्श्व में ही ढकेल दें।

(क्रमशः जारी)

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