जातिवादी हो गई
भाजपा
(नन्द किशोर)
भोपाल (साई)। अगले
चुनावों में भगवान श्रीकृष्ण के दुलारे ग्वालवंशियों अर्थात यादवों को लुभाने के
लिए भारतीय जनता पार्टी ने नया पैंतरा फेंका है। मध्य प्रदेश के यादववंशी मंत्री
बाबू लाल गौर को उनकी जाति यादव लिखने के निर्देश दिए गए हैं। अगर कांग्रेस ने भी
इसी तर्ज पर काम किया तो छिंदवाड़ा के सांसद कमल नाथ को भी अपनी जाति के बारे में
खुलासा करना पड़ सकता है।
मध्य प्रदेश में
भारतीय जनता पार्टी अब जातिवादी राजनीति का सहारा लेने जा रही है। सरकार के मंत्री
बाबूलाल गौर को अपने नाम के आगे जाति का खुलासा करने अर्थात यादव लिखने का निर्देश
देने से ऐसा ही लगता है। गौर ने भी पार्टी संगठन के निर्देश का पालन करने का ऐलान
कर दिया।
पार्टी के
प्रदेशाध्यक्ष प्रभात झा ने एक बैठक के दौरान मंत्री गौर से अनुरोध किया कि वे तथा
उनकी पुत्रवधु अपने नाम के साथ यादव लिखें। इसके पीछे उनका तर्क था कि गौर लिखने
से पता ही नहीं चल पाता है कि गौर कौन सी जाती है।
गौर ने कुछ
पत्रकारों से चर्चा करते हुए स्वीकार है कि पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष और राष्ट्रीय
संगठन महामंत्री रामलाल ने उन्हें अपने नाम के आगे यादव लिखने का निर्देश दिया है।
उन्होंने संगठन के निर्देश पर तय भी कर लिया है कि अब वे तथा उनकी पुत्रवधु जो नगर
निगम भोपाल की महापौर है,अपने नाम के साथ यादव लिखेंगे।
गौर ने आगे कहा है
कि वे यादव हैं मगर लोगों को उनकी जाति का पता ही नहीं चलता है,लिहाजा अब वे अपने
नाम में यादव भी जोडेंगे। इतना ही नहीं वे नाम के साथ जाति लिखे जाने को बुरा भी
नहीं मानते हैं। भाजपा संगठन द्वारा गौर को अपने नाम के साथ यादव लिखने का निर्देश
दिए जाने पर कांग्रेस ने हमला बोला है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने
राज्य में जातिवादी राजनीति को बढ़ावा देने वाला कदम करार दिया है।
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