सोसायटी घोटाले में
13 के खिलाफ
आरोप पत्र
(दीपक अग्रवाल)
मुंबई (साई)।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरा सी.बी.आई. ने मुंबई की आदर्श हाऊसिंग सोसायटी घोटाले में
१३ लोगों के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया है। मुंबई की सत्र अदालत में आज दायर किए
गए दस हजार पृष्ठों के इस आरोप-पत्र में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक
चव्हाण और कुछ सेना के तथा अन्य अधिकारियों के नाम शामिल हैं।
इन पर भ्रष्टाचार
निरोधक अधिनियम के तहत आपराधिक षड्यंत्र और धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। यह
आरोप-पत्र, एफ.आई.आर.
दर्ज कराने के लगभग १८ महीने बाद दायर किया गया है। सी.बी.आई. ने कहा है कि मामले
में बेनामी लेन-देन की अभी जांच की जा रही है और पूरक आरोप-पत्र दायर किया जा सकता
है।
प्राप्त जानकारी के
अनुसार आरोप-पत्र में सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर एम.एम. वांचू, मेजर जनरल टी.के.
कौल तथा ए.आर. कुमार और कर्नल टी.के. सिन्हा तथा आर. बख्शी भी शामिल हैं। इनके
अलावा सोसायटी के सदस्यों - आर. सी. ठाकुर, पी.वी. देशमुख, सुभाष लला तथा
प्रदीप व्यास और विधान परिषद के पूर्व सदस्य- कांग्रेस के के.एल. गिडवानी, आई.ए.एस. अधिकारी
जयराज पाठक और पूर्व सी.आई.सी. रामानंद तिवारी भी शामिल हैं।
सी.बी.आई. ने श्री
अशोक चव्हाण पर आरोप लगाया है कि उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में इस सोसायटी के
लिए अतिरिक्त फ्लोर स्पेस इंडेक्स को मंजूरी दी। उन पर यह भी आरोप लगाया गया है कि
उन्होंने रक्षाकर्मियों के लिए बनी इस सोसायटी में चालीस प्रतिशत फ्लैट अन्य लोगों
को आबंटित करने की मंजूरी दी। श्री अशोक चव्हाण ने सी.बी.आई. के आरोप-पत्र को
अप्रत्याशित और दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि उनके राजनीतिक विरोधी उन्हें
फंसाने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह
केवल एक प्रशासनिक मुद्दा है और आदर्श हाऊसिंग सोसायटी को भूमि आबंटन में उनकी कोई
भूमिका नहीं थी। श्री चव्हाण ने कहा कि उन्हें न्यायापालिका पर पूरा भरोसा है और
विश्वास है कि वे निर्दाेष साबित होंगे। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज
चव्हाण ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि इस आरोप-पत्र से उन्हें भी आश्चर्य
हुआ है।उधर, भारतीय
जनता पार्टी ने कांग्रेस के अन्य नेताओं की भूमिका की भी जांच कराने की मांग की
है।
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