चिकित्सा परिषद को
सुको का झटका
(प्रियंका श्रीवास्तव)
नई दिल्ली (साई)।
उच्चतम न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि मेडिकल कॉलेजों को मान्यता देने का अधिकार
भारतीय चिकित्सा परिषद को नहीं है और यह अधिकार केन्द्र सरकार के पास है।
न्यायमूर्ति अल्तमस कबीर की अध्यक्षता में न्यायालय की पीठ ने कहा कि चिकित्सा
महाविद्यालयों या संस्थानों को मान्यता देने में भारतीय चिकित्सा परिषद की भूमिका
केवल सिफारिश करने तक ही सीमित है।
न्यायालय ने कहा कि
भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम में स्वीकृति देने के संबंध में कोई प्रावधान नहीं
है। उच्चतम न्यायालय की पीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें कहा गया था
कि मेडिकल कॉलेज चलाने के लिए भारतीय चिकित्सा परिषद की अनुमति, मान्यता प्रदान
करने के बराबर है।
इसके अलावा एक अन्य
मामले में उच्चतम न्यायालय ने रिजर्व बैंक से कहा है कि वह विदेशी विधि कंपनियों
को भारत में पैरवी करने के लिए लाइसेंस या अनुमति न दे। न्यायमूर्ति आर.एम. लोढा
और न्यायमूर्ति ए. आर. दवे की पीठ ने भारतीय बार कांउसिल की अपील पर देश की ३१
विधि कंपनियों को नोटिस जारी किये हैं।
बार कांउसिल ने
मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले के विरुद्ध यह अपील दायर की थी। मद्रास उच्च
न्यायालय ने कहा था कि विदेशी वकीलों को भारत में पैरवी करने से नहीं रोका जा
सकता। भारतीय बार कौंसिल ने उच्चतम न्यायालय से यह स्पष्ट करने की अपील की है कि
मद्रास उच्च न्यायालय का फैसला बंबई उच्च न्यायालय के फैसले के विपरीत है। बंबई
उच्च न्यायालय ने कहा था कि कोई विदेशी वकील या विधि कंपनी भारत में मुकदमा नहीं
लड़ सकती है।
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