भाजपा के निशाने पर
भूरिया और नाथ
(संताष पारदसानी)
भोपाल (साई)। लगभग
आधा सैकड़ा नगरीय निकाय चुनावों में भाजपा ने अपना पूरा ध्यान कांति लाल भूरिया और
कमल नाथ के क्षेत्रों में ही केंद्रित कर रखा है। भूरिया एक और जहां मालवा में
पूरी ताकत लगाए हुए हैं, वहीं दूसरी ओर नाथ ने महाकौशल को अनाथ कर छोड़ा है।
प्रदेश के 16 जिलों में हो रहे 49 नगरीय निकाय
चुनावों में भाजपा के निशाने पर सिर्फ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया और
केंद्रीय मंत्री कमलनाथ हैं। भाजपा दोनों को उनके ही गढ़ मालवा और महाकौशल में मात
देने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। वजह साफ है, भाजपा मान रही है
कि उसका निकाय चुनाव में पिछला रिकार्ड दोहराना मुश्किल है।
49 निकायों में से 30 पर भाजपा का कब्जा
है और 12 पर
कांग्रेस का और तीन पर भाजपा समर्थितों का कब्जा है। इस कारण भाजपा चाहती है कि
संख्याबल में भले ही कमी आ जाए, लेकिन कांग्रेस के इन दोनों दिग्गजों के
प्रभाव वाले क्षेत्र में जीत दर्ज कर वह पूरी पार्टी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर
मानसिक रूप से दबाव बनाए रख सकती है।
कहा जा रहा है कि
भाजपा ने मालवा और महाकौशल में कांग्रेस को मात देने के लिए विशेष रणनीति बनाई है।
स्वयं प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा इन दोनों अंचलों में विशेष रुचि ले रहे हैं।
विधानसभा उपचुनाव में लगातार जीत से उत्साहित भाजपा कांग्रेस पर मानसिक रूप से
दबाव बनाए रखने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है।
इधर, कमल नाथ के प्रभाव
वाले महाकौशल के सिवनी जिले में लखन कुंवर की नगरी लखनादौन में कांग्रेस प्रत्याशी
ने अध्यक्ष पद के लिए नाम वापस लेकर भाजपा को वाकोवर दे दिया है, जिसके सियासी मायने
भी खोजे जा रहे हैं। कहा तो यहां तक जा रहा है कि लखनादौन में भाजपा के लिए रास्ता
खोलकर कांग्रेस ने छिंदवाड़ा में अपनी अस्मत बचाने का परोक्ष सौदा भी कर लिया है।
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