क्या सूरज निगल
जाएगा हमारी पृथ्वी को ?
(अंकिता)
न्यूयार्क (साई)।
खगोलशास्त्रियों ने आशंका जताई है कि अब से पांच अरब साल बाद बूढा हो चुका सूरज
हमारी पृथ्वी को निगल सकता है। वैज्ञानिकों ने यह बात एक ग्रह का विनाश उसके
पुराने सितारे द्वारा किए जाने के पहले प्रमाण की खोज के आधार पर कही है। इस
प्रमाण से संकेत मिलता है कि लापता हो चुका ग्रह उस सितारे का निवाला बन गया जो ‘‘लाल वृहत्काय’’ (रेड जायंट) के रुप
में अपना विस्तार कर रहा था।
लाल वृहत्काय का
मतलब किसी तारे के बूढे होने जैसा है। पेन स्टेट यूनिवर्सिटी में एस्ट्रोनॉमी और
एस्ट्रोफिजिक्स के प्रोफेसर एलेक्स वोल्सजेजेन ने कहा ‘‘हमारी सौर प्रणाली
के अंदरुनी ग्रहों का भी यही अंजाम हो सकता है। अब से पांच अरब साल बाद जब सूर्य
लाल वृहत्काय बन जाएगा और पृथ्वी की कक्षा के आगे तक उसका विस्तार हो जाएगा तो ।’’
अनुसंधान दल के
सदस्य वोल्सजेजेन ने ही हमारी सौर प्रणाली से बाहर अब तक का पहला ग्रह खोजा था।
खगोलविदों ने आश्चर्यजनक रुप से दीर्घवृत्ताकार कक्षा में एक विशाल ग्रह खोजा है।
यह दीर्घवृत्ताकार कक्षा बीडी प्लस 48 740 नामक लाल वृहत्काय सितारे की है जो सूर्य से
अधिक पुराना है और इसका व्यास भी उससे 11 गुना अधिक है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें