बारिश से उत्तर
भारत में तबाही
(शरद खरे)
नई दिल्ली (साई)।
देश के उत्तरी भाग में भारी बारिश ने तबाही मचा रखी है। लोगों को बारिश और बाढ़ से
बचने के लिए सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ रहा है। देश के उत्तरी भागों में दूर-दूर
तक भारी वर्षा से कई स्थानों पर जनजीवन पर असर पड़ा है। राजस्थान में मूसलाधार
बारिश से १४ लोगों की मौत हो गई। राजधानी दिल्ली में पिछले २४ घंटों में लगभग ३५
मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।
राजस्थान की
राजधानी जयपुर से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से शैलेन्द्र ने बताया कि १०
लोगों की मृत्यु जयपुर में और चार लोगों की अन्य जगहों पर हुई। मुख्यमंत्री श्री
अशोक गहलोत ने कल स्थिति की समीक्षा की और अधिकारियों को प्रभावित लोगों को हर
संभव मदद पहुंचाने के निर्देश दिए।
उन्होंने बर्षा से
क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत तुरंत शुरू करने को भी कहा है। इस बीच राज्य के
उत्तरी हिस्सों में भी कई इलाकों में तेज बारिश की खबर है जिससे जनजीवन प्रभावित
हुआ है। झुंझनू जिले नवलगढ़ में राहत और बचाव कार्य चलाए जा रहे हैं वहां पर कई
इलाके पानी से घिरे हुए हैं क्योंकि कल वहां २० सेंटीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई थी।
राज्य में कल की बारिश से ३७ में से २७ जिले सामान्य वर्षा की श्रेणी में आ गए
हैं।
कुछ दिन पहले तक सूखे की दुहाई दे रहे राजस्थान
में अब इतनी बारिश हो रही है, कि लोग बेहाल हैं। यहां पर बारिश ने पिछले 54 सालों का रिकार्ड
तोड़ दिया है। जयपुर की स्थिति इतनी ज्यादा खराब हो गई है कि यहां 100 से ज्यादा कालोनियां
डूब गई हैं और सैंकड़ों गांव बाढ़ की चपेट में आ गये हैं।
आलम यह है कि टीवी, फ्रिज गलियों में
बह रहे हैं और लोग छतों पर बैठे हुए हैं। मंगलवार के दिन में भयानक उमस थी, उसके बाद मौसम
विभाग का आंकलन कि 24 घंटे के
अंदर सामान्य बारिश होने की आशंका है। रात को बारिश शुरू हुई तो ऐसी हुई कि बाढ़ ही
आ गई। बारिश रात 11 बजे से
लेकर सुबह 8ः30 तक होती रही।
जयपुर के निचले
इलाकों में पानी भर गया है, जिसके कारण लोगों का रहना मुश्किल हो गया
है। लोगों को ऊंचे इलाकों में शिफ्ट किया जा रहा है। अब जयपुर पर भी बाढ़ का खतरा
मंडराने लगा है। एयरपोर्ट में भी पानी घुस गया है। जयपुर आगरा हाईवे को बंद कर
दिया गया है। जयपुर का गोविंदपुरी इलाका पूरी पानी से भरा हुआ है। लोग घर की छतों
पर बैठे हुए हैं।
फर्नीचर, टीवी, फ्रिज सब पानी में
बह रहे हैं। अगर बुधवार की शाम तक जल स्घ्तर कम नहीं हुआ तो स्थिति बिगड़ सकती है, क्घ्योंकि सैंकड़ों
घरों में राशन-पानी गलियों घुसे नालों के पानी में खराब हो गया है। नालों से उफान
भरती पानी की लहरें घरों के किचन तक में घुस गईं हैं। यानी कई घरों में महीने भर
की खाने-पीने की वस्तुएं अब खाने लायक नहीं रही हैं।
जयपुर प्रशासन ने
स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी है। शहर की सैकड़ो कालोनियां पानी में डूबी हुई है।
दर्जनों मकान गिर गये है। बारिश इतनी भयानक थी कि एक मारूति कार सहित दम्पती पानी
के बहाव में बह गये। हजारों लोगों का जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हुआ है। सैकड़ों
लोगों को सुरक्षित पहुंचाया गया, और राहत कार्य अभी जारी है। ऐसा बताया जा
रहा है कि बीती रात इंटरनेट सुविधा ठप होने के कारण मौसम वैज्ञानिकों को मौसम का
हाल बताने में दिक्कत उठानी पड़ी।
जिला प्रशासन ने
आरएसी को अलर्ट कर दिया है। बाढ़ आपदा प्रबंधन के दलों को राहत कार्य के लिए रवाना
कर दिया गया है। ऐसा बताया जा रहा है कि 53 साल बाद ऐसी भयानक बारिश देखने को मिली।
इससे पहले सन 1959 में ऐसी
बारिश हुई थी। इस बारिश में लोगों के घरों में पानी चला गया। डूबे हुए इलाकों से
लोगों को सुरक्षित स्घ्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। मकान और दुकानों के साथ-साथ
अस्घ्पतालों में भी पानी भरा हुआ है, जिससे मरिजों को खासा परेशानी का सामना करना
पड़ रहा है।
मौसम विभाग ने
सूचना दी थी कि हल्घ्की बारिश होने की संभावना है लेकिन हुआ इसके विपरीत। कल रात
जयपुर में 190 मिलीमीटर
बारिश हुई। ऐसी भी खबर आ रही है कि जयपुर में दर्जन भर मकान गिर गये है। एयरपोर्ट
में पानी घुस गया है। जयपुर आगरा हाईवे को बंद कर दिया गया है। जयपुर का
गोविंदपुरी इलाका पूरा पानी से भरा हुआ है। लोग घर की छतों पर बैठे हुए हैं।
जयपुर के यमुनानगर
इलाके में भी पूरा पानी भरा हुआ है। ऐसा बताया जा रहा है कि प्रशासन की वजह से अभी
यहां कोई सुविधा नहीं मुहैया कराई गई है, क्षेत्र के लोग एक दूसरे की मदद में जुटे
हुए है। घरों में पानी भर जाने की वजह से लोगों का सामान बह रहा है। अब लोगों के
सामने समस्घ्या यह है कि घरों का सामान बचाए या जिंदगी।
बारिश से रेल यातायात
भी बाधित हुए बिना नहीं है। रात को हुई बारिश से बुधवार सुबह ट्रेन व सड़क यातायात
पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया। ट्रैक पर पानी भरने से 10 ट्रेनें बीच
रास्ते घंटों अटकी रहीं। ट्रेनों को बस्सी, गांधीनगर, आसलपुर, फुलेरा, जगतपुरा, दुर्गापुरा
स्टेशनों पर रोका गया। जयपुर स्टेशन से भी सुबह ट्रेनें देरी से रवाना हो सकी।
आगरा व दिल्ली जाने वाली रोडवेज की बसों को भी डायवर्ट मार्ग से भेजा गया। कनकपुरा
में पानी के तेज बहाव से ट्रैक के नीचे से गिट्टी बह गई। इस कारण यह ट्रैक चार
घंटे बाधित रहा।
ट्रैक पर पानी भरने
के कारण ट्रेनें आधा घंटे से चार घंटे तक देरी से चली। दिल्ली-जोधपुर मंडौर
एक्सप्रेस 4 घंटे, हरिद्वार-अहमदाबाद
एक्सप्रेस 2 घंटे 5 मिनट, अहमदाबाद-नई दिल्ली
राजधानी एक्सप्रेस 3 घंटे 40 मिनट, अहमदाबाद-दिल्ली
आश्रम एक्सप्रेस 2 घंटे 5 मिनट, जैसलमेर-दिल्ली
एक्सप्रेस 2 घंटे 30 मिनट, कोटा-हनुमानगढ़
पैसेंजर ट्रेन 30 मिनट, अमृतसर-जयपुर
एक्सप्रेस 30 मिनट, कोटा-जयपुर पैसेंजर
ट्रेन 2 घंटे 5 मिनट, जयपुर-दिल्ली नॉन
स्टाप ट्रेन 25 मिनट और
बांद्रा टर्मिनस-दिल्ली सराय रोहिल्ला ट्रेन 1 घंटा 15 मिनट की देरी से
चली। रेलवे प्रशासन ने अंडरपास व कई जगह ट्रैक पर पानी भरने से ऐसे स्थानों पर
ट्रेनों को धीमी गति से निकालने के निर्देश दिए गए हैं।
तेज बारिश के कारण
बसें दो से तीन घंटे की देरी से चलीं। इससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना
पड़ा। सिंधी कैंप से भी बसें देरी से रवाना हो सकी। यात्री बसों का इंतजार करते
रहे। सिंधी कैंप बस स्टैंड से आगरा व दिल्ली जाने वाली बसों को डायवर्ट मार्ग से
भेजा गया।
रोडवेज प्रशासन से
प्राप्त जानकारी घाट की गुणी पर बंद होने से आगरा जाने वाली बसों को खो नागोरियान
होकर निकाला गया। दिल्ली जाने वाली बसों को ट्रांसपोर्ट नगर की बजाय नारायण सिंह
सर्किल से अजमेर रोड होते हुए एक्सप्रेस हाईवे से निकाला गया।
जयपुर से आगरा
जानेवाले हाईवे पर इतना पानी भर गया कि हाईवे जाम हो गया। शहर में दीवार गिरने की
वजह से तीन लोगों की मौत होने की खबर है। जबकि एक दंपति की मौत कार में पानी भर
जाने से हुई। दंपति की कार सीधे पानी से भरे नाले में जा घुसी। एक शख्स के नाले
में बह जाने की भी खबर है।
बारिश से सिर्फ
जयपुर बेहाल नहीं है। राजस्थान के दूसरे इलाकों में भी बारिश से लोगों का बुरा हाल
है। सवाई माधोपुर के भी कई इलाकों में पानी भर गया है। भारी बारिश के कारण धौलपुर
में भी पांच लोगों के तेज बहाव में बहने की खबर है। सड़कों पर पानी भरने से लोगों
का चलना भी मुहाल हो गया है।
उधर, उत्तर प्रदेश के
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से दीपांकर श्रीवास्तव ने खबर दी है कि उत्तर
प्रदेश में मॉनसून के सक्रिय रहने से पिछले २४ घंटों में कई स्थानों पर भारी वर्षा
हुई है। साई के इलाहाबाद ब्यूरो ने खबर दी है कि इस दौरान राज्य में लगभग ४९
मिलीमीटर वर्षा हुई।
बाराबंकी जिले में
घाघरा नदी के बाढ़ से २४ गांव के तीन हजार से ज्यादा परिवार प्रभावित हुए हैं और दो
हजार हेक्टेयर क्षेत्र में खड़ी फसल नष्ट हो गर्इ्र है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार
शारदा नदी लखीमपुर खीरी के बलिया कलां में खतरे के निशान से उपर बह रही है। जबकि
घाघरा बाराबंकी के एरियन रिज में खतरे के निशान से उपर है और अयोध्या और तुर्तीपार
में इसके आसपास है।
पनबसा बैराज से एक
लाख क्विसेक से ज्यादा पानी छोड़े जाने के कारण घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ा है। यमुना
नदी बागपत से आगरा तक जबकि रात्ती नदी बहराईच से बस्ती तक बढ़ रही है। मौसम विभाग
ने आगामी ४८ घंटों के दौरान राज्य के कई स्थानों पर बरसात की भविष्यवाणी की है।
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