पात्रता परीक्षा की
छूट मिली नए वकीलों को
(अभय नायक)
रायपुर (साई)।
एलएलबी पास कर चुके युवाओं को बार कौंसिल ऑफ इंडिया ने बड़ी राहत दी है। पासआउट
युवा अब वकील पात्रता परीक्षा पास किए बिना ही वकालत कर सकेंगे। नए वकीलों को
फिलहाल 6 महीने की
छूट दी गई है। इसके लिए उन्हें कौंसिल को लिखित में अंडरटेकिंग देनी होगी।
लोवर और हाईकोर्ट
में वकालत करने के लिए वकील पात्रता परीक्षा पास करना अनिवार्य था। बार कौंसिल ऑफ
इंडिया ने पिछले साल ही यह नियम बनाया था। इसके बाद से देशभर में 6 माह में के अंतराल
में पात्रता परीक्षा ली गई। छत्तीसगढ़ में परीक्षा आयोजित की जाती रही है, लेकिन राज्य के
युवाओं के लिए यह परीक्षा पास करना मुश्किल साबित हो रहा था। पिछली बार 8 जनवरी को पात्रता
परीक्षा ली गई थी। इसमें छत्तीसगढ़ के युवाओं का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था। यही
हाल देश के तकरीबन सभी राज्यों का रहा।
बार कौंसिल ऑफ
इंडिया ने कौंसिल में पंजीयन कराने वाले नए विधि छात्रों को पात्रता परीक्षा पास
किए बिना वकालत करने की छूट दे दी है। अब वे 6 माह तक परीक्षा
पास किए बिना ही लोवर कोर्ट, हाईकोर्ट सहित अन्य अदालतों में प्रैक्टिस
कर सकेंगे। फिलहाल यह छूट अगले 6 महीनों के लिए दी गई है।
ज्ञातव्य है कि
वकालत करने के पहले पात्रता परीक्षा पास करने का नियम फरवरी 2011 में बनाया गया।
इसके बाद 6 मार्च 2011 को पूरे देश में
पहली बार परीक्षा ली गई। इसमें 22 हजार से अधिक उम्मीदवार शामिल हुए थे। इसके
बाद से तीन बार परीक्षा ली गई। पिछली परीक्षा 8 जनवरी 12 को ली गई थी। तय
कार्यक्रम के मुताबिक अगस्त में परीक्षा ली जानी थी। पिछली बार छत्तीसगढ़ से सिर्फ 33 फीसदी विधि छात्र
ही पात्रता परीक्षा पास कर सके थे।
वकील पात्रता
परीक्षा पास किए बिना वकालत करने के लिए विधि छात्रों को संबंधित राज्यों के स्टेट
बार कौंसिल को शपथ पत्र के तौर पर अंडरटेकिंग देनी होगी। कौंसिल के सचिव के नाम पर
दी जाने वाली अंडरटेकिंग में वे तय समय से अधिक अवधि तक प्रैक्टिस नहीं करने का
भरोसा दिलाएंगे। इसमें यह भी बताना होगा कि वे किस कोर्ट में वकालत करना चाह रहे
हैं। इससे अधिक समय तक प्रैक्टिस करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकेगी।
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