न्यूज एक्सप्रेस से
मुक्त हो गये मुकेश कुमार
(विस्फोट डॉट काम)
नई दिल्ली (साई)।
न्यूज एक्सप्रेस को पैदा करनेवाले मुकेश कुमार अब यहां से भी विदा हो गये हैं. खबर
है कि आज दिन के बारह बजे चौनल के नोएडा दफ्तर पहुंचे मुकेश कुमार ने न्यूजरूम
पहुंचकर सबको सूचित किया कि उनके बारह बज चुके हैं. इसलिए अब उनके जाने का वक्त आ
गया है. जो चौनल उन्होंने दाई बनकर पैदा किया था उसे लोगों के हाथ में सौंपकर वे
अपने अनजाने गंतव्य की ओर आगे बढ़ गये. मुकेश कुमार को भावभीनी बिदाई दी गई या नहीं, यह तो पता नहीं
लेकिन सचमुच मुकेश कुमार के लिए यह बहुत भावुक क्षण है.
हम जानबूझकर मुकेश
कुमार से अभी बात नहीं कर रहे हैं. क्या बात करें? क्या पूछें? ऐसे गमजदा माहौल
में वे क्या बोल पायेंगे भला? विस्फोट की ओर से उनसे मिले थे. तब जब चौनल
शुरू हो रहा था. उस वक्त मुकेश कुमार ने कहा था कि यह देश का ऐसा पहला न्यूज चौनल
है जो कि एचडी तकनीकि पर प्रसारित होगा. जब कन्टेन्ट के बारे में पूछा था तो
उन्होंने कहा था कि यह पूरी तरह से पोलिटिकल चौनल होगा? जब पूछा पालिटिक्स
यानी क्या? तो
उन्होंने कहा था राजनीति सब तरह की. व्यापार की राजनीति. घर परिवार की राजनीति.
देश की राजनीति. जहां राजनीति होगी वह हमारे लिए रिपोर्ट होगी. लेकिन क्या विपदा
है, जिस
राजनीति को अपने चौनल का सब्जेक्ट बना रहे थे, उसी राजनीति के
शिकार होकर आखिरकार उन्हें जाना पड़ा है.
एक दिन पहले वे
पुणे में थे. उन्हें चौनल के मालिकों ने बुलाया था. चौनल पुणे के ही एक व्यावसायिक
घराने साईं समूह का हिस्सा है. खबर है, कि पुणे में ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया.
या फिर कह सकते हैं कि उनसे इस्तीफा देने के लिए कह दिया गया. इस्तीफा देकर दिल्ली
लौटे मुकेश कुमार ने आज दफ्तर पहुंचरकर औपचारिक रूप से विदाई भी ले ली.
मुकेश कुमार उस दिन
से ही अशांत थे जिस दिन से निशांत चतुर्वेदी ने सहायक चौनल हेड के रूप में न्यूज
एक्सप्रेस ज्वाइन किया था. यह बात 11 अगस्त की है. उस दिन तो मुकेश कुमार
नाराजगी में सिर्फ चौनल से उठकर चले गये थे लेकिन आज उन्होंने औपचारिक रूप से चौनल
से जाने का ऐलान कर दिया.
चौनल से जुड़े
सूत्रों का कहना है कि मुकेश कुमार पर गबन का गंभीर आरोप है. खबर तो यह भी है कि
आंतरिक रूप से चौनल संचालकों ने जांच पड़ताल भी करवाई है. इसी जांच पड़ताल के बाद
चौनल से संचालकों ने मुकेश कुमार को पुणे बुलाया था, और उनसे इस्तीफा ले
लिया गया. अगर इस बात में कोई सच्चाई है तो निश्चित रूप से प्रबंधन सही है लेकिन
अगर ये आरोप निराधार हैं तो यह सीधे सीधे प्रबंधकों द्वारा एक पत्रकार का दमन है.
प्रबंधन से जुड़े सूत्र गबन की बात कह रहे हैं जबकि मुकेश कुमार से जुड़े लोग कुछ
बोलने से कतरा रहे हैं क्योंकि उन पत्रकारों को अपनी नौकरी की चिंता है. फिर भी, समय ही बताएगा कि
किसने किससे मुक्ति पाई. कौन दोषी था, और किसके साथ थी सच्चाई.
मुकेश कुमार इससे
पहले प्रकाश झा का मौर्य न्यूज पटना में लांच करवा चुके हैं. वहां से भी उन्होंने
बड़ी असहज परिस्थितियों में विदाई ली थी.
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