गुरुवार, 23 अगस्त 2012

मनमोहन अंडर एचीवर तो सोनिया पावरफुल!


मनमोहन अंडर एचीवर तो सोनिया पावरफुल!

(महेंद्र देशमुख)

नई दिल्ली (साई)। एक तरफ तो टाईम मेग्जीन द्वारा भारत गणराज्य के वज़ीरे आज़म डॉ।मनमोहन सिंह को अंडर एचीवर का खिताब दिया जाता है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस की राजमाता श्रीमति सोनिया गांधी को सबसे ताकतवर महिला की उपाधि से नवाजा जाता है। मशहूर अमरीकी पत्रिका फोर्ब्स ने दुनिया की 100 ताकतवर महिलाओं की सूची जारी की है, जिसमें कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी को छठे स्थान पर रखा गया है।
दिलचस्प बात ये है कि इस सूची में सोनिया गांधी को अमरीका की प्रथम महिला मिशेल ओबामा से ज्यादा शक्तिशाली आंका गया है। 2010 में इस फेहरिस्त में सबसे ऊपर रहने वाले मिशेल को इस बार दुनिया की सातवीं सबसे शक्तिशाली महिला बताया गया है।
दुनिया की 100 सबसे ताकतवर महिलाओं की फेहरिस्त में पहले तीन पायदानों में पिछले साल के मुकाबले कोई बदलाव नहीं दिखता है। इस बार भी फोर्ब्स ने 2005 से सत्ता में रही जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल को दुनिया की सबसे ताकतवर महिला बताया है ।उनके बाद दूसरे स्थान पर अमरीकी विदेशी मंत्री हिलेरी क्लिंटन हैं जबकि तीसरा स्थान इस बार भी ब्राजील की राष्ट्रपति दिल्मा रुसोफ को मिला है।
इस फेहरिस्त में राजनीति, मनोरंजन और तकनीक के क्षेत्रों के अलावा गैर मुनाफे वाली संस्थाओं में अहम पदों पर कार्यरत महिलाओं को जगह दी गई है। इन महिलाओं को उनके प्रभाव, उनके पास या उनके नियंत्रण में मौजूद धन और मीडिया में उनकी मौजूदगी के आधार पर रैंकिंग दी गई है।
इसमें अन्य भारतवंशियों को भी स्थान दिया गया है। इस सूची में सोनिया गांधी के अलावा जिन भारतीय और भारतीय मूल की महिलाओं को जगह दी गई है, उनमें पेप्सी की प्रमुख इंदिरा नूई 12वें स्थान पर, आईटी कंपनी सिस्को सिस्टम्स की पद्मश्री वारियर 58वें स्थान पर, आईसीआईसाई बैंक की प्रबंधन निदेशक चंदा कोचर 59वें स्थान पर और बायोकॉन की किरन मजूमदार 80वें पायदान पर हैं।
सर्वश्रेष्ठ 10 ताकतवर महिलाओं में बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की मेलिंडा गेट्स को चौथा स्थान, न्यूयॉर्क टाइम्स की कार्यकारी संपादक जिल अब्रासन को पांचवा स्थान, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की अध्यक्ष क्रिस्टीन लागार्द को आठवां स्थान, अमरीका की गृह मंत्री जैनेट नैपोलिताना को नौवां और फेसबुक की मुश्य कार्यकारी अधिकारी शैरिल सैंडबर्ग को दसवां स्थान दिया गया है।
सोनिया को पिछले दिनों मुश्किलों का भी सामना करना पड़ा जब प्रमुख राज्यों के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को शिकस्त मिली। उन्होंने इसके लिये कमजोर उम्मीदवार तथा राज्य पार्टी संगठन को जिम्मेदार ठहराया। पत्रिका के अनुसार उच्च आर्थिक वृद्धि को लेकर जहां एक तरफ उनकी सराहना हुई वहीं भ्रष्टाचार की अनदेखी को लेकर उनकी निंदा भी की गयी। कला की विद्वान सोनिया ने तेल पेंटिंग कंर्जेवशन में डिग्री धारक है।

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