शिव के बुखार से तप
रही कांग्रेस
(नन्द किशोर)
भोपाल (साई)। मध्य
प्रदेश कांग्रेस का शरीर इस समय बेहद तप रहा है। यह बुखार है शिव के नाम का। इस
बुखार को उतारने के लिए नेता गुटबाजी छोड़ने की कड़वी कुनैन की गोली खाने को तैयार
नहीं हैं। मध्य प्रदेश में कांग्रेस ‘शिवराज फोबिया‘ से उबर नहीं पा रही
है और पार्टी ऐसा मंत्र तलाश रही है, जिसके जरिए वह इसके असर को कम कर सके। यही
कारण है कि पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ताकत बने मुख्यमंत्री शिवराज
सिंह चौहान की नाकामियों को हथियार बनाने का मन बना लिया है।
राज्य में आगामी
विधानसभा चुनाव होने में भले ही एक वर्ष से ज्यादा का समय हो, मगर कांग्रेस अभी
से तैयारियों में जुट गई है ताकि भाजपा से पिछली हारों का हिसाब बराबर किया जा
सके। राजधानी भोपाल में तीन दिन तक चली पार्टी की प्रतिनिधि बैठक में अगले साल
होने वाले विधानसभा चुनाव की छाया साफ नजर आई।
कांग्रेस ने राज्य
के दूरदराज के इलाके की जमीनी हकीकत जानने के लिए सभी स्तरों के जिम्मेदार
पदाधिकारियों की इन बैठकों में हिस्सेदारी रही। सभी ने पार्टी के भीतर चल रही
गुटबाजी व समर्पित कार्यकर्ता की उपेक्षा का मामला पूरी ताकत से उठाया। कुछ
कार्यकर्ताओं ने तो चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद के दावेदार के नाम का ऐलान करने
का सुझाव दिया ताकि आमजनों के बीच कांग्रेस के भावी मुख्यमंत्री को लेकर किसी तरह
का संशय न रहे। ऐसा होने से कांग्रेस को लाभ होगा।
इस बैठक में तीनों
दिन प्रदेश प्रभारी व पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बी.के. हरिप्रसाद मौजूद रहे और
उन्होंने कार्यकर्ताओं से साफ कहा कि वह प्रदेश सरकार और खासकर शिवराज की
नाकामियों को आम लोगों के बीच जाकर गिनाएं। हरि प्रसाद का कहना है कि राज्य में
अराजकता का माहौल है, भ्रष्टाचार, अपराध, महिला अत्याचार के मामलों में प्रदेश अव्वल
हैं। सत्ता का विरोध करने वालों की राजनीतिक हत्या कर उनकी आवाज को दबाया जाता है।
इस प्रदेश की पहचान ‘मर्डर प्रदेश‘ की बनती जा रही है।
पार्टी में गुटबाजी
एक बार फिर इस बैठक में नजर आई। बैठक में हरि प्रसाद के अलावा दिग्विजय सिंह ही
पहुंचे, वहीं दीगर
प्रमुख नेताओं ने दूरी बनाई रखी। हरि प्रसाद पार्टी में गुटबाजी की बात को साफ
नकारते हैं। कांग्रेस के कार्यकर्ता मध्य प्रदेश कोटे से मंत्री कमल नाथ और
ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस बैठक में ना पहुंच पाने के सवाल पर बगलें झांकते ही
नजर आए।
कांग्रेस की सरकार
के साथ शिवराज की नाकामियों को उजागर करने के लिए बनी रणनीति पर भाजपा चुटकी लेती
है। पार्टी के प्रवक्ता ब्रजेश लूनावत का कहना है कि लगातार मिल रही हार से
कांग्रेस बौखलाई हुई है और यही कारण है कि वह व्यक्तिगत आरोपों का सहारा लेती है।
पहले विधानसभा चुनाव, फिर उपचुनाव व अनुसूचित जाति बहुल नगरीय निकाय चुनाव में
कांग्रेस का सूपड़ा साफ हुआ है। यह सब शिवराज सरकार की जनहितकारी योजनाओं के चलते
हुआ है।
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