नक्सल प्रभावित
इलाके के युवकों की होगी सेना में भर्ती
(धीरेंद्र श्रीवास्तव)
नई दिल्ली (साई)।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के जरूरत मंद युवाओं को मुख्यधारा में लाने के लिए
केंद्र सरकार अब वहां के युवाओं की अर्ध सैनिक बलों में भर्ती पर विचार कर रही है।
गृहमंत्री सुशील कुमार शिन्दे ने कहा है कि नक्सल प्रभावित राज्यों के स्थानीय
नौजवानों को अर्द्धसैनिक बलों में भर्ती का अवसर देने के लिए सरकार शैक्षणिक
योग्यता कम करने पर भी विचार कर रही है।
गृह मंत्रालय का
प्रभार संभालने के बाद कल नई दिल्ली में अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में श्री
शिन्दे ने कहा कि अर्द्धसैनिक बलों में इन इलाकों के बेरोजगार नौजवानों को भर्ती
करना बेहतर होगा। ये भर्ती जम्मू-कश्मीर की तरह हो सकती है। गृहमंत्री ने यह भी
कहा कि राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी केन्द्र के गठन के बारे में सभी राज्यों के
मुख्यमंत्रियों की सलाह ली जायेगी।
वे इस मुद्दे पर
सभी राज्यों से चर्चा करेंगे और उनकी आशंकाओं को दूर करने की कोशिश करेंगे। श्री
शिन्दे ने कहा कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर का काम प्रगति पर है और अब तक इस
योजना के तहत चार करोड़ पचासी लाख लोगों का पंजीकरण किया जा चुका है।
श्री शिंदे ने कहा
कि वे खुफिया सूचना एकत्र करने के लिए नये पदों पर भी विचार कर रहे हैं। गृहमंत्री
ने ये भी कहा कि गुप्तचर ब्यूरो-आई बी बहुत बढ़िया काम कर रही है लेकिन ये पद उसकी
मदद के लिए बनाये जा रहे हैं। श्री शिंदे ने कहा कि असली मकसद यह है कि खुफिया
सूचना एकत्र करने वाले लोगों की पहचान सामने न आए।
इसके साथ ही
कुडनकुलम आंदोलन के संदर्भ में श्री शिन्दे ने कहा कि कुछ विदेशी गैर-सरकारी संगठन
इसमें शामिल हैं। वे इस आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं। श्री शिन्दे ने कल नई दिल्ली
में पत्रकारों से कहा कि सरकार को इसकी जानकारी है और उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की
जाएगी। गृहमंत्री का कहना था कि परमाणु बिजलीघर से पैदा होने वाली बिजली किसी भी
दूसरे बिजलीघर की बिजली से सस्ती होगी। सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि परमाणु बिजली
घरों से पैदा होने वाली बिजली स्वच्छ और सस्ती है। शुरूआत में यह महंगी होगी लेकिन
४-५ वर्ष के बाद यह सस्ती हो जाएगी। इसलिए देश में परमाणु ऊर्जा होनी चाहिए।
ज्ञातव्य है कि कल
तमिलनाडु में तूतीकोरिन जिले में पुलिस की गोली से एक मछुआरे की मौत के बाद
कुडनकुलम परमाणु बिजलीघर विरोधी आंदोलन और तेज हो गया है। परमाणु बिजलीघर के आसपास
घेरा डाले बैठे गांव वालों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा
और आंसू गैस छोड़नी पड़ी। समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को प्राप्त जानकारी के अनुसार
आंदोलनकारी लोग बिजलीघर को चालू होने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं।
तिरूचनापल्ली से
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से सविता नायर ने बताया कि कुडनकुलम परमाणु
बिजली घर के निकट तुतीकोरिन और तिरुनेलवेली जिलों में स्थिति शांत लेकिन तनावपूर्ण
है। पुलिस गोलीबारी में एक मछुआरे की मौत से क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है।
इदिनथकरी में प्रदर्शनकारियों ने ४८ घंटे की भूख हड़ताल शुरू कर दी है। किसी भी
अप्रिय घटना से निपटने के लिए पुलिस ने कुडनकुलम परमाणु बिजली घर के आस-पास पूरे
क्षेत्र को सील कर दिया है। स्थानीय लोग असमंजस में हैं कि कुडनकुलम परमाणु बिजली
घर की सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर केंद्र तथा राज्य सरकार या स्थानीय नेताओं में से
किस पर विश्वास करें।
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